ITR Filing 2025: ITR-1 और ITR-4 के एक्सेल टूल जारी, जानें किन टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी हैं ये फॉर्म
आईटीआर-1 (सहज)
मौजूदा आकलन वर्ष में इस फॉर्म को केवल 50 लाख रुपये तक की कमाई वाले करदाता भर सकते हैं।
आय स्रोत: वेतन या पेंशन, एक मकान से आय, ब्याज आय या अन्य स्रोतों से आय, 1.25 लाख रुपये तक का दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ, 5,000 रुपये तक की कृषि आय
उपयोगः यह फॉर्म उन करदाताओं के लिए उपयुक्त है जिनकी आय सीमित और सरल स्रोतों से होती है।
आईटीआर-4 (सुगम)
यह फॉर्म छोटे कारोबार से कमाई करने वालों के लिए है। कुल सालाना आय 50 लाख रुपये तक होनी चाहिए।
आय के स्रोत: छोटे व्यवसाय या पेशे से आय, वेतन, एक मकान संपति, ब्याज आय, 1.25 लाख रुपये तक का दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ
उपयोग: यह फॉर्म उन करदाताओं के लिए उपयुक्त है, जो प्रीजम्पटिव टैक्सेशन स्कीम के तहत अपनी आय की गणना करते हैं।
ITR Filing 2025: ITR-1 और ITR-4 के एक्सेल टूल जारी, जानें किन टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी हैं ये फॉर्म
What is ITR-1 and ITR-4: इनकम टैक्स विभाग ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 या असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए ITR-1 और ITR-4 फॉर्म के एक्सेल यूटिलिटी वर्जन को रिलीज कर दिया है। अब टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर इन फॉर्म्स को डाउनलोड कर सकते हैं।
आयकर विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए इसकी जानकारी साझा की है। विभाग ने पोस्ट में लिखा, 'करदाता ध्यान दें! ITR-1 और ITR-4 के लिए एक्सेल यूटिलिटी अब उपलब्ध है।' यह कदम करदाताओं के लिए रिटर्न फाइलिंग को और आसान और सहज बनाने के लिए उठाया गया है।
किन टैक्सपेयर्स के लिए है ITR-1 फॉर्म
इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म-1 (ITR-1) उन टैक्सपेयर्स के लिए है, जिनकी कमाई सीमित स्रोतों से होती है। इसे सहज नाम दिया गया है। मौजूदा असेसमेंट ईयर के लिए इस फॉर्म को केवल 50 लाख रुपये या उससे कम की कमाई वाले रेजिडेंट इंडिविजुअल फाइल कर सकते हैं। इसमें वेतन, मकान से होने वाली कमाई, ब्याज सहित अन्य आय के स्रोत, जिन पर सेक्शन 112A के तहत 1.25 लाख रुपये तक का लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन, और 5,000 रुपये से अधिक न होने वाली एग्रीकल्चर इनकम शामिल हो सकती है। अगर आप भी इन पैरामीटर्स पर फिट बैठते हैं, तो रिटर्न दाखिल करने के लिए इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कौन भर सकता है ITR-4 फॉर्म
वहीं, आईटीआर-2 फॉर्म को सुगम नाम दिया गया है। यह रिटर्न फॉर्म छोटे-मोटे कारोबार या प्रोफेशन से कमाई करने वाले लोगों के लिए है। इसे रेजिडेंट इंडिविजुअल्स, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), और फर्म्स (LLP को छोड़कर) भर सकते हैं। हालांकि, आपकी कुल सालाना इनकम 50 लाख रुपये से कम होनी चाहिए, जबकि कारोबार या प्रोफेशन से होने वाली इनकम की गणना सेक्शन 44AD, 44ADA या 44AE के तहत की जाएगी। इसमें सेक्शन 112A के तहत 1.25 लाख रुपये तक का लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) भी शामिल है।
रिटर्न फाइलिंग की आखिरी तारीख भी बढ़ी
बता दें कि मंगलवार को इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग की आखिरी तारीख में बढ़ोतरी का ऐलान किया था। आयकर विभाग ने इसे 31 जुलाई 2025 से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया है। विभाग ने यह कदम आयकर रिटर्न फॉर्म्स के नॉटिफिकेशन जारी करने में देरी होने के कारण उठाया है। ऐसे में करदाताओं को रिटर्न फाइल करने के लिए 45 दिन का अधिक समय मिलेगा।
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