AY 2025 - 26 के ITR में फर्जी छूट लेने वाले अब हो जाएं सावधान। ऐसे देने होगी कटौती की जानकारी...
AY 2025-26 के ITR में फर्जी(Fake) छूट लेने वाले अब हो जाएं सावधान!
पुरानी कर प्रणाली के तहत कटौती का दावा करने के लिए नई व्यवस्था .... किन डिडक्शन पर देनी होगी जानकारी।
आयकर कटौती से संबंधित निर्धारण वर्ष 2025-26 (पुरानी व्यवस्था) के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने हेतु आवश्यक जानकारी...
1: HRA : मकान किराया भत्ता
कार्य का स्थान, मूल वेतन, वास्तविक प्राप्त HRA, भुगतान किया गया किराया आदि बताना होगा ।
2: धारा 80 C ( निवेश)
पात्र निवेशों के लिए LIC , PPF , NSC, ELSS , Home Loan प्रिंसिपल अमाउंट के आदि पॉलिसी संख्या / दस्तावेज़ पहचान संख्या का उल्लेख करना अनिवार्य है।
3: धारा 80 D ( हेल्थ इंश्योरेंस)
बीमा कंपनी का नाम और पॉलिसी संख्या देना होगा।
4: धारा 80 E ( हायर एजुकेशन लोन )
शिक्षा ऋण के लिए बैंक का नाम, ऋण खाता संख्या, स्वीकृति तिथि, ऋण राशि, बकाया राशि की जानकारी देना आवश्यक है।
5: धारा 80 EEB ( इलेक्ट्रिक वाहन लोन )
ईवी वाहन ऋण के लिए बैंक का नाम, ऋण विवरण और वाहन पंजीकरण संख्या का खुलासा करना आवश्यक है।
6: धारा 80 DDB ( गंभीर बीमारियों के इलाज )
चिकित्सा उपचार कटौती के लिए निर्दिष्ट बीमारी का नाम बताना होगा।
7: सेक्शन 24 B ( होम लोन पर ब्याज ) : लोन देने वाली संस्था का नाम, लोन खाता संख्या, सैंक्शन की तारीख, कुल लोन राशि, मौजूदा बकाया और ब्याज की रकम की जानकारी देना आवश्यक है।
8: सेक्शन 80EEA ( सस्ते मकान पर लोन )
9: सेक्शन 80EEA के अनुसार मांगी गई जानकारी देनी होगी।
10 : 80G में दान लेने के लिए भी दान लेने वाले का पैन न. एड्रेस, चेक नम्बर, आदि डिटेल देनी होगी।
पुरानी कर योजना में आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए अद्यतन किया गया है।
ऐसे करदाता जो ओल्ड टैक्स स्लैब में अपने ITR में फर्जी टैक्स डिडक्शन भरकर पूरा कटा टैक्स रिफंड करा लिया करते थे अब उनके लिए ऐसा करना संभव नहीं हो पायेगा क्योंकि टैक्स डिपार्टमेंट ने फर्जी डिडक्शन को रोकने के लिए इस बार सख़्त इंतजाम कर दिया है ITR में जिस मद(Head)की भी छूट लेनी होगी उस डॉक्यूमेंट का नंबर भी अब ITR में देना होगा जिससे कि भविष्य में उस डॉक्यूमेंट के नंबर से असली डिडक्शन का मिलान किया जा सके और डॉक्यूमेंट के फर्जी पाए जाने पर भारी पेनल्टी लगाई जा सके।
करदाता इस बार ITR भरवाने के बाद अच्छी तरह ITR की कॉपी से मिलान अवश्य कर लें कहीं ITR भरने वाले आपको रिफंड दिलाने के लालच में फंसाकर ITR में किसी भी छूट के डॉक्यूमेंट का गलत/फर्जी नंबर भरकर आपको मुसीबत में न डाल दें जिससे कि भविष्य में किसी भी प्रकार का नोटिस आने पर आप फिर उस पर ली गयी फर्जी छूट को सही साबित न कर पाएं इसलिए किसी भी टैक्स रिफंड कराने वाले के झांसे में नहीं आना है अब इस सत्र से एक काम अवश्य करना प्रारंभ कर दें ITR और उसमें ली गयी सभी छूट के सभी प्रपत्रों की एक फ़ाइल बनकार उसे सुरक्षित रखना चालू कर दें ताकि भविष्य में किसी भी नोटिस के आने पर बाद में कोई प्रपत्र खोजना न पड़े।
सरकार ने आईटीआर फाइल करने की डेट भले ही बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी हो लेकिन जब आईटीआई 31 जुलाई तक भरा जाता है तो बकाया टैक्स पर ब्याज कम देना पड़ता है लेकिन अब लोग 15 सितंबर तक आईटीआर फाइल करेंगे तो उनको बकाया टैक्स पर अधिक ब्याज चुकाना पड़ेगा जिन लोगों का भी अपने पूरे वित्तीय वर्ष की टोटल टैक्स लायबिलिटी का 90% से टैक्स कम जमा है वे लोग भले ही आइटीआर 15 सितंबर तक फाइल करें लेकिन अपना बकाया टैक्स अभी जमा कर दें जिससे कि उनको इस बकाया टैक्स पर ब्याज ना देना पड़े।
कुछ लोग एनपीएस कंट्रीब्यूशन पर टैक्स छूट को लेकर भ्रम में रहते हैं कि एनपीएस की छूट हमें नए टैक्स स्लैब में भी मिलेगी अथवा नहीं एनपीएस में दो प्रकार के कंट्रीब्यूशन होते हैं एक एंप्लॉई द्वारा 10%दूसरा एम्प्लॉयर द्वारा14%, नए स्लैब में एम्पलाई कंट्रीब्यूशन की किसी प्रकार की कोई छूट नहीं है जबकि एंपलॉयर कंट्रीब्यूशन की छूट भी तभी मिलेगी जब एंपलॉयर कंट्रीब्यूशन 14%आपकी ग्रॉस इनकम में जुड़ा हो पहले जोड़कर बाद में घटाने का अर्थ यह है कि इसकी भी छूट का टैक्सपेयर को कोई फायदा नहीं होता है कुछ लोग एनपीएस के एंपलॉयर शेयर 14%को अपनी ग्रॉस इनकम में जोड़े बिना ही एंपलॉयर कंट्रीब्यूशन की छूट ITR में ले लेते हैं जो कि इनकम टैक्स के नियम विरुद्ध है जिसके लिए उन्हें भविष्य में कभी भी नोटिस का सामना करना पड़ सकता है।
HRA की छूट आप खुद नहीं भर सकते इसकी गणना टेबल में बेसिक सैलरी, DA, और मकान मालिक को चुकाए HRA तथा सरकार से प्राप्त HRA की डिटेल भरकर सॉफ्टवेयर खुद बताएगा कि आपको HRA की छूट कितनी मिलेगी।
80C की छूट लेने के लिए अब अलग अलग सभी डॉक्यूमेंट की डिटेल जैसे LIC पालिसी का नंबर,PPF , PLI, सुकन्या खाते का एकाउंट नम्बर, NSC, का सर्टिफिकेट नंबर, ट्यूशन फीस रसीद का नंबर आदि जो भी छूट लेंगे सभी के सर्टिफिकेट नंबर भरने होंगे ।
80D में हेल्थ बीमा की छूट लेने के लिए बीमा कंपनी का नाम, पालिसी नंबर भी देना होगा जिससे संबंधित कंपनी से भी आपके बीमा को वेरीफाई किया जा सके। सत्यता की जांच अब टैक्स डिपार्टमेंट खुद कर सकता है।
80G में दान लेने के लिए भी दान लेने वाले का पैन न. एड्रेस, चेक नम्बर, आदि डिटेल देनी होगी।
अब होम लोन की ITR में टैक्स छूट लेने वालों को देनी होंगी एक्स्ट्रा डिटेल जैसे किस बैंक से लोन लिया उसका नाम ,एकाउंट नंबर, डेट, अमाउंट, और कितना लोन अभी चुकाने के लिए बचा हुआ है।
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