वृक्षारोपण, एक पौधा एक संकल्प ( दोहे )

काश धरा से वृक्ष भी,होते नही विलीन।
प्राणवायु मिलती हमें, बगैर किसी मशीन।। 

अब तो कर लें वृक्ष की, हम दिल से परवाह।
साँसों के मुहताज क्यों, चलता रहे प्रवाह।। 


वृक्षारोपण से करे,संरक्षित हम प्राण।
संकट साँसों पर नही,सबका ही कल्याण।।

जन जीवन रक्षक यही, जंगल सलिल जमीन।
संभव प्रकृति विनाश से , जन जीव प्राणहीन।

 जल संरक्षण के लिए, करिये सभी प्रयास।
जल बिन जीवन है नही, अमिट रहेगी प्यास।।

Comments

Popular posts from this blog

महिलाओं में होने वाली खतरनाक बीमारियॉं एवं बचाव ( International Womens Day Special Article )

खाली पेट न खायें ये चीजें

लीवर नहीं रहेगा फैटी और बॉडी भी होगी डिटॉक्स..... जानिए कैसे ?