करी ( कढ़ी ) पत्ता के लाभ एवं प्रयोग...।

करी पत्ता


करी ( कढ़ी ) पत्ता एक अत्यंत उपयोगी और औषधीय पौधा है, जिसका वैज्ञानिक नाम मुरैना कोएनिगी है। कढ़ी पत्ते का पेड़ उष्णकटिबंधीय तथा उप-उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में पाया जाने वाला रुतासी परिवार का एक पेड़ है, जो मूलतः भारत का देशज है। अकसर रसेदार व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाले इसके पत्तों को "कढ़ी पत्ता" कहते हैं। कुछ लोग इसे "मीठी नीम" भी कहते हैं। इसके लाभ, उपयोग और पोषण संबंधी मुख्य बातें नीचे दी गई हैं: 



करी पत्ते के स्वास्थ्य लाभ:

1. पाचन के लिए उपयोगी - करी पत्ता पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और अपच, कब्ज, गैस जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।



2. मधुमेह में लाभकारी - रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। रोज सुबह खाली पेट करी पत्ता चबाना फायदेमंद होता है।


3. बालों के लिए लाभकारी - बालों का झड़ना रोकता है, सफेद होना कम करता है और रूसी से बचाता है। इसे तेल में उबालकर बालों में लगाया जाता है।



4. लिवर की सुरक्षा करता है - लिवर को डिटॉक्सीफाई करता है और उसकी कार्यक्षमता बढ़ाता है। योग दर्शन

5. कोलेस्ट्रॉल कम करता है - शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करता है और हृदय को स्वस्थ रखता है।

6. प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करता है - इसके एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाते हैं।



7. दृष्टि के लिए - विटामिन A से भरपूर होने के कारण, यह आँखों के लिए भी अच्छा है।





 कैसे इस्तेमाल करें:

भोजन (दाल, सब्जी आदि) में मसाले के रूप में
चटनी या काढ़ा बनाकर
सुबह खाली पेट 5-7 पत्ते चबाएँ

करी पत्ते का पाउडर बनाकर गर्म पानी में पिएँ

बालों के लिए, करी पत्ते को तेल में उबालकर इस्तेमाल करें


पोषण

करी पत्ते में निम्नलिखित पोषक तत्व होते हैं:

विटामिन A, B, C और E

कैल्शियम

लौह

फाइबर

फॉस्फोरस

प्रोटीन

एंटीऑक्सीडेंट ।



कढ़ी पत्ता रुतासी (Rutaceae) परिवार से संबंधित एक पेड़ हैं, जो भारत का मूल निवासी हैं और गर्म जलवायु में आसानी से पनपता हैं। इसका वैज्ञानिक नाम मुराया कोएनिजी (Murraya koenigii) हैं। इसे कढ़ी पत्ता, करी पत्ता या मीठी नीम भी कहा जाता हैं।

🔷️ कढ़ी पत्ता का पौधा कैसे लगाए :-
कढ़ी पत्ता के पौधे को बीज और कलम दोनों तरीके से लगा सकते हैं। इसे मार्च-अप्रैल और सितंबर-नवम्बर में लगा सकते हैं। एक गमले में मिट्टी भर लें और उसके अंदर बीज डालकर, 2 से 3 इंच मिट्टी से ढ़क दें। फिर मिट्टी में पानी डालें और गमले को 5-6 घंटे तक धूप मिलने वाली जगह पर रखें। बीज का अंकुरण 7 से 10 दिन में हो जाता हैं।

🔷️ 
कढ़ी पत्ता का पौधा किसी भी मिट्टी में आसानी से ग्रो कर सकता हैं। अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी पौधे के लिए अच्छी होती हैं। घर पर मिट्टी तैयार करने के लिए 50% मिट्टी, 30% गोबर की खाद, 20% रेत लें और उसमें दो मुट्टी नीम खली मिला दें।

■ पानी और प्रकाश :
कढ़ी पत्ता के पौधे की मिट्टी को कभी भी अधिक पानी न दें क्योंकि इसे ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती हैं। लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी नम होनी चाहिए। कढ़ी पत्ते के पौधे को 6 से अधिक घंटे तक धूप जरूर दें।

■ तेज वृद्धि के लिए खाद :

1) कढ़ी पत्ता में किसी केमिकल खाद का प्रयोग न करें।

2) 100 ml छाछ को 1 लीटर पानी में मिलाकर 15 दिन में एक बार पौधे के ऊपर स्प्रे करें और जड़ में भी डालें।

3) चावल धोने के पानी को 15 दिन प्रिसर्व करके रखें। फिर 15 दिन बाद 5 गुना पानी और मिलाकर महीने में एक बार जड़ में डालें।

4) गोबर की खाद का प्रयोग 2 महीने में एक बार करें। 

5) तेजी से बढ़ाने के लिए अंडे के छिलके, एप्सम साल्ट, चाय पत्ती की खाद, केले के छिलके की खाद का महीने में एक बार प्रयोग करें।

■ मिट्टी की गुड़ाई और खरपतवार नियंत्रण :
हफ्ते में एक बार पानी देने के 1 दिन पहले और पानी देने के 1 दिन बाद मिट्टी की गुड़ाई करें। कोई खरपतवार दिखें तो उसे तुरंत निकाल दें।

🔷️ कढ़ी पत्ता से खुशबू नहीं आने पर :-
पत्तों से खुशबू नहीं आने का सबसे बड़ा कारण पौधों का सही तरीके से ध्यान नहीं रखना हैं। अगर आप पौधे को लगातार खाद नहीं देंगे, केवल पानी ही डालते रहेंगे, तो पत्तियां अपनी खुशबू खो देती हैं, इसलिए अगर आप पौधे का ध्यान नहीं रखेंगे, तो इसमें न ही सुगन्ध होगी और न ही पकाने में इसका स्वाद आएगा।

🔷️ करी पत्ता के स्वास्थ्य लाभ :-

कढ़ी पत्ता में विशिष्ट सुगन्ध और तीखे स्वाद के अलावा विटामिन ए, बी, सी, बी12, कैल्शियम और आयरन प्रचुर मात्रा में होता हैं। यह प्राकृतिक रूप से प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता हैं। कढ़ी पत्ते की तासीर ठंडी होती हैं जो पेट को ठंडक पहुंचाता हैं, जिससे पाचन से जुड़ी कई समस्याओं से छुटकारा मिलता हैं। भोजन में कढ़ी पत्ता को शामिल करने से पेचिश, दस्त, मधुमेह, मॉर्निंग सिकनेस और मतली के उपचार में मदद मिलती हैं।

1) कढ़ी पत्ता कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता हैं। यह अच्छे एचडीएल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाता हैं और एथेरोस्क्लेरोसिस और हृदय रोग से बचाता हैं।

2) कढ़ी पत्ते में दूध से 800% अधिक कैल्शियम होता हैं जो गर्भवती, स्तनपान कराने वाली माताओं और बच्चों के लिए उत्तम होता हैं।

3) कढ़ी पत्ता बालों के विकास को तेज करता हैं। क्षतिग्रस्त बालों के लिए, ढीले बालों के लिए, पतले बालों के लिए, झड़ते बालो के लिए इसके अलावा स्कैल्प के फफूंद संक्रमण, रूसी आदि के इलाज के लिए उपयोग किया जा सकता हैं।

4) कढ़ी पत्ता आंखों के स्वास्थ्य के लिए कैरोटीनॉयड युक्त विटामिन ए से भरपूर होता हैं, जिससे कॉर्निया को नुकसान होने की संभावना कम हो जाती हैं।

5) कढ़ी पत्ता कार्बाज़ोल अल्कलॉइड यौगिक जिनमें एंटीऑक्सिडेंट, जीवाणुरोधी और विरोधी गुण से भरपूर होते हैं जो बैक्टीरिया को खत्म करता है।

6) कढ़ी पत्ता वजन घटाने को बढ़ावा देता है। शरीर में जमा चर्बी को दूर करने के लिए एक बेहतरीन उपाय हैं।

7) कढ़ी पत्ता के सेवन से कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी का असर कम होता हैं और क्रोमोसोमल डैमेज और बोन मैरो प्रोटेक्शन से भी बचाव होता है।

8) रक्त संचार, मासिक धर्म के मुद्दों, सूजाक, दस्त को हल करने में मदद करता है। नियमित आहार में शामिल करने से दर्द को कम करता हैं।

9) कढ़ी पत्ता में मधुमेह-रोधी गुण होते हैं, इसमें पाए जाने वाले एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण ब्लड शुगर को कम करने में मदद करते हैं।

10) कढ़ी पत्ता घावों के इलाज में मदद करता हैं। इसका पेस्ट लगाने से घाव, रैशेज, फोड़े-फुंसी और हल्की जलन पर उपचारात्मक प्रभाव पड़ता है। पत्तियों का पेस्ट किसी भी प्रकार के हानिकारक संक्रमण को रोकने और खत्म करने में भी मदद करता हैं।

🔷️ कढ़ी पत्ता का इस्तेमाल कैसे करें :-
इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने और बीमारी पहुंचाने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। इसका सेवन हर व्यक्ति को प्रतिदिन करना जरूरी हैं। सुबह खाली पेट 7 से 8 पत्तियों को चबाने के बाद एक गिलास पानी पी लेना चाहिए।

■ कढ़ी पत्ता का फल :
कढ़ी पत्ता के बेरी को खाया जा सकता हैं या बीज निकालकर रस बनाया जा सकता हैं। इसके रस का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में टॉनिक के रूप में भी किया जाता हैं।

🔷️ सावधानियाँ :-

1) यदि आपको अस्थमा या एलर्जी हैं तो कढ़ी पत्ता खाने से बचें।

2) लंबे समय तक बालों पर कढ़ी पत्ते का इस्तेमाल बालों को नुकसान पहुंचा सकता हैं। कढ़ी पत्ता और बालों के तेल को एक साथ बार-बार लगाने से बचें।

3) कढ़ी पत्ते की छोटी फलियाँ खाने से बचना  !



Comments

Popular posts from this blog

महिलाओं में होने वाली खतरनाक बीमारियॉं एवं बचाव ( International Womens Day Special Article )

सुखद भविष्य का अनुष्ठान... पितृपक्ष ।

Gen-Z क्या है ? इसे सोशल मीडिया की लत क्यों है? आइये जानते हैं...।