ब्रह्माण्ड और जीवन की अनंत यात्रा...।
ब्रह्माण्ड और जीवन की अनंत यात्रा...।
क्या आपने कभी सोचा है कि आप कौन है ? आपका यह शरीर कहां से आया है ? आपके चेहरे की पहचान आप के स्वभाव की गहराई यह सब कहां से आया ? आप सिर्फ कुछ साल पहले जन्मे एक इंसान है तो क्या आप भी करोड़ों साल पुरानी एक यात्रा का हिस्सा है ?
हम सोचते हैं कि इंसान जन्म लेता है ज्ञान कहता है कि हम में से कोई भी वास्तव में मरता नही.. कल्पना कीजिए आज आपका खून आपकी नसों में जो बह रहा है वह लाखों करोड़ों साल पुराना है।
हमारी हर कोशिका में एक अमर कहानी लिखी हुई है, आप अपने अंदर अपने पूर्वजों की आवाज लिए बैठे हैं आपकी आंखें, आपका चेहरा, आपकी आदतें सब कुछ एक लंबी श्रृंखला का हिस्सा है हजारों साल पहले आपके पूर्वजों की जिन्दगी का हिस्सा है और यह सब कल आपकी आने वाली संतान में जाएगा।
आपकी उपस्थिति, आपके अनुभव, आपकी ताकत पीढ़ियों में चलते रहेंगे और आध्यात्मिक दृष्टि के अनुसार आत्मा न जन्म लेती है न मरती है।
आज का आधुनिक विज्ञान भी यही कहता है कि ऊर्जा कभी खत्म नहीं होती है यानि कि अध्यात्म और विज्ञान दोनों एक ही सत्य की ओर इशारा कर रहे हैं दोनों मिलकर यही बता रहे हैं आप अकेले नहीं है, आप एक अनंत यात्रा का हिस्सा है ।
हमारी चेतना और हमारा डीएनए मिलकर यह बताते हैं कि इंसान कभी मरता ही नही, आप सोचिए वही हवा करोड़ों साल पहले डायनासोर भी पीते थे और आज आप भी पी रहे है हम उसी धूल से बने हैं जो कभी सूर्य के जन्म के समय निकले थे यानि हम सिर्फ इंसान नहीं बल्कि ब्रह्मांड का इतिहास है ।
हमारी नसों में जो खून बह रहा है उसमे ब्रह्मांड की धड़कनें बह रही है । यही कारण है कि अध्यात्म कहता है खुद को पहचानो तो ब्रह्मांड को पहचान लो ,आप कोई साधारण प्राणी नहीं है ,आप सिर्फ अपने मां-बाप का ही नही बल्कि आप अपनी हजारों पीढ़ियों का सार है और आप भी यही विरासत आगे बढ़ाएंगे ।
अब कल्पना करें कि जब आप इस दुनिया से चले जाएंगे तब भी आप पूरी तरह नही जाएंगे आपके कर्म और आपका डीएनए आपकी संतान में आने वाले कल में हमेशा जिंदा रहेगा यानि कि सब मिलकर एक अनंत श्रृंखला है ।
हमारे अंदर जीवन की एक ऐसी धारा बह रही है जो कभी नही रुकती.... यह कितना अद्भुत है कि हम सब हमेशा जीवित है, हम अपने पूर्वजों का विस्तार है और हम अपनी संतान के भविष्य का बीज है । ब्रह्मांड तकरीर बदलता है ,नाम बदलता है लेकिन हमारी असली पहचान हमारी चेतना और हमारा डीएनए हमेशा जीवित रहता है।
यह विज्ञान का चमत्कार है, यह आध्यात्म का सत्य है और यह हमारे जीवन का सबसे बड़ा संदेश है ।
हम कभी अकेले नही है, हम कभी मिटते नही है, हम करोड़ों साल से हैं और करोड़ों साल तक रहेंगे तो अगली बार जब आप आईने में खुद को देखें तो यह मत सोचें कि आप सिर्फ आज के इंसान है ।
याद रखिए आप अपने पूर्वजों की कहानी का जिंदा सबूत हैं , आप एक अनंत यात्रा का हिस्सा है, आप कभी नही मरते, आप हमेशा रहेंगे यही हमारी आपकी अनन्त यात्रा का सत्य है।
हम जानेंगे कि यह डीएनए सिर्फ आपके शरीर तक सीमित नही बल्कि पूरे ब्रह्मांड से आपका गहरा रिश्ता कैसे बनता है । यह अध्यात्म और वैज्ञानिक तथ्य नही बल्कि एक ऐसा अनुभव है जो आपको अपनी असली पहचान से जोड़ देगा लेकिन यही पर एक ऐसा सवाल जन्म लेता है जो आपके होश उड़ा देगा ।
क्या डीएनए और ब्रह्मांड ने अपनी चेतना को खुद रचा है ? क्या इसमें छुपा है जीवन का सबसे बड़ा रहस्य जो हमारे अस्तित्व हमारी आत्मा और पूरे ब्रह्मांड के साथ हमारा चुनाव करता है ? क्या यह संभावना सच है कि हम सिर्फ शरीर नहीं यह ब्रह्माण्ड की योजना का हिस्सा हैं और यह योजना अनंत तक चलती रहेगी ।
क्या आप जानते हैं कि आपके शरीर के अंदर ब्रह्मांड की सबसे गहरी कहानी रची हुई है ? हमारी कोशिकाओं की संख्या लगभग पूरे ब्रह्मांड में मौजूद है अगर इन्हें एक-एक करके गिनना शुरू करें तो पूरी जिंदगी में भी गिन नही पाएंगे और हर कोशिका में जैसे पूरे ब्रह्मांड में आपको अपने गहरे रहस्य का दर्पण बना दिया है ,डीएनए सिर्फ आपके जन्म से नही जुड़ा यह तो सब कुछ उन तारों में बना था जो अरबो साल पहले विस्फोट से जो धूल उत्पन हुई थी । हम उन्ही तारों की धूल से बने यानि कि डीएनए उन तारों की राख में लिखी ब्रह्मांड की सबसे पुरानी कहानी है।
क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आपके अंदर पूरे ब्रह्मांड का इतिहास सांस ले रहा है । जब आप रात के अंधेरे में आसमान की तरफ नजर उठाते हैं तो आप सिर्फ चमकते हुए सितारे नही देख रहे होते हैं बल्कि उन तारों को देख रहे होते हैं जिनकी धूल से आपका शरीर बना है।
आपका डीएनए वही रहस्यमयी कोड है जो सीधे उसी ब्रह्मांड से जुड़ा है जिसे हम दूर-दूर तक पहले तारों, ग्रहण और निहारिकाओं में देखते हैं ।
पूरे ब्रह्मांड का जीवन परिचय आपकी सांसों में चलता है। जो आपके दिल मे धड़क रहा है जो कुछ ब्रह्मांड में है वही आपके शरीर में है,आप और ब्रह्मांड अलग नही। आप इस विशाल ब्रह्माण्ड का रूप है। आपका डीएनए इस सत्य का ठोस प्रमाण है।
आप सिर्फ जैविक संरचना नही , यह ब्रह्मांड का संदेश है जो कहता है तुम सितारों की संतान हो और ब्रह्मांड की कहानी अनंत यात्रा का हिस्सा हो तो अगली बार जब आप तारों भरें आसमान को देखें तो यही तारे आपके भीतर भी चमक रहे हैं।
उनका व्यवहार सब कुछ आज भी हमारे अंदर सांस ले रहा है यह कोई कहानी नही है यह विज्ञान का प्रमाण है कि हम अपने पूर्वजों के सपनों, संघर्षों और अनुभवों का जीवन परिचय यानी हम सिर्फ खुद नही है बल्कि हम उन सब की, उन्ही की विरासत हैं ।
जब आप कुछ नया सीखते हैं ,कोई चुनौती पार करते हैं, अपने अंदर बदलाव लाते हैं तो आपका डीएनए भी बदलता है इस रहस्य को विज्ञान में भी कहा जाता है मतलब आपका अनुभव आपके शरीर में छप जाते हैं और इसी अनुभव को आप अपने बच्चों और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाते हैं ।
आपकी हर सोच, हर भावना, हर निर्णय आने वाले कल की नींव बन जाता है । यह आपके बच्चों के बच्चों और आने वाली अनगिनत पीढ़ियों का भाग्य लिख रहा है । आपके कर्म ,आपकी सीख आपके डीएनए में दर्ज होकर भविष्य की दिशा तय कर रहे है तो क्या यही पुनर्जन्म का वैज्ञानिक संकेत नहीं है ।
हम सिर्फ जन्म लेकर खत्म नही हो जाते हैं बल्कि हमारे विचार, हमारे कर्म, हमारा डीएनए सब मिलकर अनंत यात्रा का हिस्सा बनते हैं । आप सिर्फ इस जन्म की नही, आप समय की कई पीढ़ियों का पुल है ,आपके भीतर अतीत की आवाज है।
हजारों साल पहले आध्यात्मिक गुरु इस रहस्य को समझ चुके होते तो आज आपको पाखण्ड और ढोंग का सामना नही करना पड़ता जो कि तुम्हारा कर्म है और आज का विज्ञान कहता है तुम वही हो जो तुम्हारे जीन्स है आपके जीन्स आपके कर्मों विचारों और अनुभवों का वैज्ञानिक रूप है जो आपके अंदर लिखे हुए हैं ।
आपकी आत्मा चेतन का प्रतीक है और आपका डीएनए दोनों मिलकर यही बताते हैं कि जीवन अनंत है, कभी समाप्त नहीं होता है । मनोविज्ञान के अनुसार हर व्यक्ति अपने पूर्वजों की ताकत, आदतें और सपनों को लेकर चलता है और वह आपकी जीवन की किताबों में लिखें हुए है ।जो आपको आपके माता-पिता से ही नही बल्कि लाखों पीढ़ियों से जोड़ता है ।
हमारी नसों में ब्रह्मांड की सबसे पुरानी कहानी छुपी है और ब्रह्मांड ने यह कितनी मेहनत करके यह रहस्य आपके अंदर लिखा है।
इसलिए जब आप कहते हैं मैं अकेला हूं तो रुकिए.... आपकी सोच गलत है । आप कभी अकेले नही है, आपके साथ आपके पूर्वजों की ताकत उनकी समझ और उनका प्रेम हमेशा मौजूद है ।
आप एक कड़ी है जो अतीत को भविष्य से जोड़ रही है और वो कड़ी है आपका डीएनए । आप अनंत है, अगर सच में हम कभी मरते नही तो क्या हमें अपने को और ज्यादा अर्थपूर्ण नहीं बनाना चाहिए ।
क्या हमें अपने कर्म, अनुभवों को ऐसा नहीं बनना चाहिए कि हमारी आने वाली पीढ़ियां भी प्रेम, धैर्य और शांति लेकर जन्मे । हर कर्म आपके डीएनए में अंकित हो रहा है । विज्ञान भी यही कहता है जब आप किसी से प्रेम करते हैं, नफरत करते हैं तो आप सिर्फ आज नही कर रहे हैं, आप अपने आने वाले बच्चों और उनकी आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकाश,प्रेम और शांति का रास्ता बना रहे हैं।
हमारी यह यात्रा डीएनए से शुरू होकर आत्मा तक जाती है हमारा शरीर मिट्टी में मिल जाएगा लेकिन हमारा डीएनए और चेतना कभी नष्ट नही होंगे ।
हम अपने पूर्वजों की कहानी का विस्तार है और हमारी संतान हमारी कहानी का भविष्य ,जब हम इस सच को समझ कर देखेंगे तो हर दिन पवित्र हो जाएगा हमारे कर्म ब्रह्मांड के साथ - साथ प्रकृति से तालमेल करेंगे तो हम समझेंगे कि जीवन का असली उद्देश्य क्या है ?
हमारे जीन्स प्रेम,घृणा व लोभ का मिश्रण है और हमें चाहिए मानवता के साथ जीवन जीना । हम एक अनंत धारा है जो कभी रुकती नही है। हम मरते नही वह ब्रह्माण्ड और डीएनए ही है जो हमें अमर बनाते हैं।
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