आस्था - महा शिवरात्रि पर्व ( भगवान महादेव से जुड़े रोचक तथ्य )

भगवान शिव, शंकर, महादेव, भोलेनाथ से जुड़े  रोचक तथ्य---

1. भगवान शिव के कोई माता-पिता नही है उन्हें अनादि माना गया है  अर्थात्  जो हमेशा से था जिसके जन्म की कोई तिथि नही ।

2. कथक, भरतनाट्यम करते वक्त भगवान शिव की जो मूर्ति रखी जाती है उसे नटराज कहते है ।

3. किसी भी देवी-देवता की टूटी हुई मूर्ति की पूजा नही होती लेकिन शिवलिंग चाहे कितना भी टूट जाए फिर भी पूजा जाता है ।

4. हम शिवरात्रि इसलिए मनाते है क्योंकि  इस दिन शंकर-पार्वती का विवाह  हुआ था ।




5. शंकर भगवान की एक बहन भी थी अमावरी  जिसे माता पार्वती की जिद्द पर खुद महादेव ने अपनी माया से बनाया था ।

6. भगवान शिव और माता पार्वती का 1 ही पुत्र था जिसका नाम था कार्तिकेय । गणेश भगवान तो मां पार्वती ने अपने उबटन (शरीर पर लगे लेप) से बनाए थे ।

7. भगवान शिव ने गणेश जी का सिर इसलिए काटा था क्योकि गणेश जी ने भगवान शिव को मॉं पार्वती से मिलने नही दिया था  क्योंकि गणेश जी की  माॉं पार्वती ने ही ऐसा करने के लिए कहा था ।

8. भोले बाबा ने तांडव करने के बाद सनकादि के लिए चौदह बार डमरू बजाया था जिससे माहेश्वर सूत्र यानि संस्कृत व्याकरण का आधार प्रकट हुआ था ।

9. शंकर भगवान पर कभी भी केतकी का फूल नही चढ़ाया  जाता  क्योंकि यह ब्रह्मा जी के झूठ का गवाह बना था ।

10. शिवलिंग पर बेलपत्र तो लगभग सभी चढ़ाते है लेकिन इसके लिए भी एक ख़ास सावधानी बरतनी पड़ती है कि बिना जल के बेलपत्र नही चढ़ाया जा सकता ।

11. शंकर भगवान और शिवलिंग पर कभी भी शंख से जल नही चढ़ाया जाता क्योकि शिव जी ने शंखचूड़ को अपने त्रिशूल से भस्म कर दिया था। आपको बता दें कि शंखचूड़ की हड्डियों से ही शंख बना था ।

12. भगवान शिव के गले में जो सांप लिपटा रहता है उसका नाम है वासुकि यह शेषनाग के बाद नागों का दूसरा राजा था । भगवान शिव ने खुश होकर इसे गले में डालने का वरदान दिया था ।

13. चंद्रमा को भगवान शिव की जटाओं में रहने का वरदान मिला हुआ है ।

14. जिस बाघ की खाल को भगवान शिव पहनते है उस बाघ को उन्होने  खुद अपने हाथों से मारा था ।

15. नंदी, जो शंकर भगवान का वाहन और उसके सभी गणों में सबसे ऊपर भी है ।वह असल में शिलाद ऋषि को वरदान में प्राप्त पुत्र था ।जो बाद में कठोर तप के कारण नंदी बना था ।

16. गंगा भगवान शिव के सिर से क्यों बहती है ? राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए  देवी गंगा को जब धरती पर लाने की सोची तो एक समस्या आई कि इनके वेग से तो भारी विनाश हो जाएगा । तब शंकर भगवान को मनाया गया कि पहले गंगा को अपनी जटाओं में बाँध लें फिर अलग-अलग दिशाओं से धारे-धीरे उन्हें धरती पर उतारें ।

17. शंकर भगवान का शरीर नीला इसलिए पड़ा क्योंकि उन्होने जहर पी लिया था । दरअसल, समुद्र  मंथन के समय 14 वस्तुए निकली थी । 13  वस्तुओं को असुरों और देवताओं ने आधी-आधी बाँट ली लेकिन हलाहल नाम का विष लेने को कोई तैयार नही था। ये विष बहुत ही घातक था इसकी एक बूँद भी धरती पर बड़ी तबाही मचा सकती थी । तब भगवान शिव ने इस विष को पीया था । यही से उनका नाम पड़ा नीलकंठ।

18. भगवान शिव को संहार का देवता माना जाता है इसलिए कहते है कि तीसरी आँख बंद ही रहे प्रभु की । 

19. भगवान शिव की पुत्री का नाम अशोक सुंदरी है । पद्म पुराण में उनका ज़िक्र मिलता है माना जाता है कि माता पार्वती ने अकेलेपन और उदासी से मुक्ति पाने के लिए कल्प वृक्ष से अशोक सुंदरी की कामना की थी । अशोक सुंदरी के पति का नाम नहुष था। 

   साभार गूगल

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