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आयुर्वेद के अनुसार दूध पीने के कुछ नियम होते हैं जो कि इस प्रकार हैं -:
सुबह के समय दूध सिर्फ काढ़े के साथ लिया जा सकता है । दोपहर में छाछ पीना चाहिए । दही की प्रकृति गर्म होती है जबकि छाछ की ठंडी। रात में हो सके तो बिना शक्कर के दूध पीना चाहिए यदि संभव हो तो गाय का घी १- २ चम्मच डाल के लीजिये । दूध की अपनी प्राकृतिक मिठास होती है वो हम शक्कर डाल देने के कारण अनुभव ही नहीं कर पाते हैं ।
जब बच्चे अन्य भोजन लेना शुरू कर दें जैसे रोटी , चावल , सब्जियां तब उन्हें गेंहूँ , चावल और सब्जियों में मौजूद केल्शियम प्राप्त होने लगता है तो वह कैल्शियम के लिए सिर्फ दूध पर निर्भर नही रह जाते हैं । कपालभाती, प्राणायाम और नस्य आदि से बेहतर केल्शियम एब्जॉर्ब होता है और केल्शियम , आयरन और विटामिन्स की कमी नही हो सकती साथ ही बेहतर शारीरिक और मानसिक भी विकास होगा।
दूध के साथ कभी भी नमकीन या खट्टे पदार्थ नही लेना चाहिए इससे त्वचा विकार हो सकते हैं।
दूध के साथ बेहतर पोषण के लिए चने, दाने, सत्तू , मिक्स्ड आटे के लड्डू खाने चाहिए । यही प्रयत्न करें कि देशी गाय का दूध मिल सके। जर्सी या दोगली गाय से भैंस का दूध बेहतर है।
दही अगर खट्टा हो गया हो तो भी दूध और दही नही मिलाये , खीर और कढ़ी एक साथ नही खाएं . खीर के साथ नामकीन पदार्थ नही खाने चाहिए ।
चावल में दूध के साथ नमक न डालिये। सूप में ,आटा भिगोने के लिए , दूध इस्तेमाल नही करें।
द्विदल यानी कि दालों के साथ दही का सेवन विरुद्ध आहार माना जाता है अगर करना ही पड़े तो दही को हींग जीरा की छौंक- बघार दे कर उसकी प्रकृति बदल लीजिये।
रात में दही या छाछ का सेवन नही करें।
ताजा, जैविक और बिना हार्मोन की मिलावट वाला दूध सबसे अच्छा होता है। पैकेट में मिलने वाला दूध नहीं पीना चाहिये।
दूध को गरम या उबाल कर पियें। अगर दूध पीने में भारी लगे तो उसे उसमें थोड़ा पानी मिला कर उबालें।
दूध में एक चुटकी अदरक, लौंग, इलायची, केसर, दालचीनी और जायफल आदि की मिलाएं इससे आपके पेट में अतिरिक्त गर्मी बढ़ेगी जिसकी मदद से दूध हजम होने में आसानी होगी।
अगर आप को डिनर करने का मन नही है तो आप रात को एक चुटकी जायफल और केसर डाल कर दूध पियें। इससे नींद भी अच्छी आती है।
किसी भी नमकीन चीज़ के साथ दूध का सेवन नही करें। क्रीम सूप या फिर पनीर को नमक के साथ न खाएं। दूध के साथ खट्टे फल भी नही खाने चाहिये। दूध और मछली एक एक साथ सेवन नहीं करना चाहिये, इससे त्वचा खराब हो जाती है।
साभार
पं० देवशर्मा
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