Friday, 10 January 2025

परीक्षा का भय

यूपी बोर्ड के उप सचिव और मनोवैज्ञानिक डॉ० आनंद कुमार त्रिपाठी के अनुसार कई बार बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव अथवा तुलना किए जाने के भय से छात्र अपना दैनिक समायोजन खो देते हैं, जिससे मानसिक समस्याओं जैसे तनाव, कुंठा, अनिद्रा, भय और चिड़चिड़ापन जैसी स्थिति उत्पन्न होने लगती है। इन सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए कुछ महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक तरीके भी हैं जिनके द्वारा परीक्षा के भय को समाप्त करके सफलता प्राप्त की जा सकती है।




अभ्यास का कोई विकल्प नही होता-: हर विषय क्षेत्र को उचित अभ्यास का समय दें। सभी के मॉक टेस्ट जरूर दें। इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा और अपनी परफोर्मेंस भी ज्ञात कर पाएंगे। यह फीडबैक आपको बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगा।



सकारात्मक विचारों से भय को मात दें-: यह बिल्कुल नही महसूस करें कि यह कोई अनोखी या अलग परीक्षा है, यह भी हर साल होने वाली परीक्षा की तरह ही आपको पढ़ाए गए पाठ्यक्रम पर आधारित होगी। जब बार-बार आप अपने मन में इस बात को दोहराएंगे तो सहज हो जाएंगे और बेहतर परिणाम प्राप्त करेंगे।




बेहतर समय प्रबंधन-: परीक्षा के ठीक पहले के दबाव से बचने के लिए जरूरी है कि समय का सही प्रबंधन अभी से कर लें। एक समय सारिणी अवश्य बनाएं और सभी विषय को ज़रूरत के अनुसार समय दें, पाठ्यक्रम को दोहराने का भी अवसर बनाकर रखें। जब आंतरिक इच्छा से पढ़ते हैं तो पढ़ी हुई बातें दिमाग में संरक्षित हो जाती है और परीक्षा कक्ष में आसानी से याद आ जाती है।

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