बात करने का बहाना चाहते हैं...

 फिर मुझे वो आजमाना चाहते हैं ।
बात करने का बहाना चाहते हैं ।

चंद लम्हों में कहाँ ये खत्म होगी,
बात दिल की वो सुनाना चाहते हैं ।

हम इशारे भी समझ लेते हैं उनके,
और वो होठों से जताना  चाहते हैं ।

ख्वाहिशें भी आग का दरिया बनी हैं, 
तैर  करके   पार  जाना  चाहते  हैं ।

खुश हुई ये शाम भी मिलकर किसी से,
शब  सितारे  गुनगुनाना   चाहते हैं ।
निरुपमा मिश्रा 'नीरू' 

Comments

Popular posts from this blog

महिलाओं में होने वाली खतरनाक बीमारियॉं एवं बचाव ( International Womens Day Special Article )

खाली पेट न खायें ये चीजें

लीवर नहीं रहेगा फैटी और बॉडी भी होगी डिटॉक्स..... जानिए कैसे ?