ये डेरे पक्षियों के पेंड़ धरती पर ।
दे राहत गर्मियों में पेंड़ धरती पर।
बुलाकर बारिशों को इस ज़मीं पर,
सहेजेंगे नमी को पेंड़ धरती पर।
ये देते प्राणवायु उपहार जीवन का,
बचायेंगे ये सांसें पेंड़ धरती पर ।
ज़हर घुलता हवा में बांझ धरती है,
पुकारे जिंदगी को पेंड़ धरती पर।
लगाकर पेंड़ गुलशन ताप होगा कम,
निखारेंगे ये दुनिया पेंड़ धरती पर।
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