मन के बोल पर
जब जिंदगी
गहरे भाव संजोती है,
विह्वल होकर लेखनी
कहीं कोई
संवेदना पिरोती है,
तुम भी आ जाना
इसी गुलशन में
खुशियों को सजाना
है मुझे,
अभी तो अपनेआप को
तुझमें
पाना है मुझे
रोशनी का त्योहार
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रोशनी होती दिलों में हमेशा प्यार से
मिटायें हर ग़म का अंधेरा संसार से
बेबसी के आँसू हों नही किसी आँख में
सीखते हम यही रोशनी के त्योहार से
----- निरुपमा मिश्रा
International Womens Day Special Artical - महिलाओं में होने वाली खतरनाक बीमारियां और बचाव... बीमारियां कभी पुरुष या महिलाओं में अंतर नहीं करती हैं लेकिन कुछ बीमारियां महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक और जानलेवा होती हैं ।अगर इनकी जानकारी न हो या इनके लक्षणों को इग्नोर किया जाए तो गंभीर हो सकती हैं। महिलाओं में होने वाली सबसे खतरनाक और जानलेवा बीमारियों के बारे में आप पढ़ेगें साथ ही कैसे करें बचाव इस बारे में जानकारी भी प्राप्त करेंगे कि महिलाओं में कौन सी बीमारी ज्यादा होती हैं । आगामी 8 मार्च को महिला दिवस है । आज के समय में भी महिलाएं कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से जूझ रही हैं दरअसल पुरुषों की तुलना में महिलाएं फिजिकली नाजुक होती हैं ।जिसकी वजह से अक्सर बीमारियों से भी घिरी रहती हैं । उनकी इम्यूनिटी कमजोर होने से अलग-अलग बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं । भागदौड़ भरी जिंदगी, बिगड़ती लाइफस्टाइल और खराब खानपान की वजह से कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है । महिलाएं घर-परिवार और बाहर की जिम्मेदारियों की वजह से...
अध्यात्म की भाषा में यदि कहा जाये तो मृत्यु के पश्चात् वीतरागी आत्मा संसार से मुक्त होकर ईश्वरीय शक्ति के स्वरुप में समाहित हो जाती है किन्तु राग-विराग , मोह-माया , दु:ख -सुख, वैमनस्य आदि अनेक प्रकार की इच्छाओं- आकांक्षाओं के वशीभूत होकर पुनर्जन्म के माध्यम से अपनी काम्य वस्तुओं एवं प्रिय लोगों के चतुर्दिक् अपने नवजीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियों की तलाश करती है | यह प्रश्न सदैव शाश्वत रहा है कि क्या पितृपक्ष में हमारे पूर्वजों को जो कि भौतिक शरीर को त्याग चुके हैं , उन्हें सम्पत्ति , भोजन, कपड़ों आदि की आवश्यकता होती होगी, यदि मृत देह से विमुक्त स्वतंत्र विचरित आत्मा को समय और स्थान से परे कहीं दूर किसी नवीन आयाम में रहना सुनिश्चित है तो वंशजों द्वारा श्रृद्धापूर्वक भावअर्पण के विभिन्न उपादानों एवं क्रियाकलापों से प्रसन्नता तो जरुर मिलती होगी| पितृ-ऋण से मुक्ति के विधान के लिए विवाह-संस्कार की रीति निर्धारित की गई है , यहां पर गौरतलब है कि विवाह की रीति निभाने के लिए पहले पांच तत्वों से निर्मित भौतिक शरीर में उपस्थित ...
Gen-Z क्या है ? इसे सोशल मीडिया की आदत या लत क्यों है? एक्सपर्ट ने बताई ये वजह और इसके डराने वाले साइड इफेक्ट्स भी.... आइये जानते हैं। जैसा कि हम सबको मालूम है कि बीते कई दिनों से नेपाल लगातार चर्चा में बना हुआ है। दरअसल यहां सोशल मीडिया एप्स पर सरकार की तरफ से लगाए गए बैन के बाद से ही युवा, खासकर Gen-Z आक्रोश से भर गया है तो आइये जानते हैं कि ये Gen-Z है क्या? और इस जेन-जी को सोशल मीडिया की लत क्यों है? Generation अर्थात् मानव जाति की विभिन्न पीढ़ियों का अपने जन्म वर्ष के अनुसार सम सामयिक विभाजन करके विभिन्न नामकरण किया गया है जो कि इस तरह से है... Gen- L ( Last Generation) -1883 -1990 Gen- G (Greatest Generation) -1990-1927 Gen- S ( Silent Generation) - 1928-1945 GEN-B B ( Baby Boomers Generation) - 1946-1980 Gen- X ( Generation X ) -1965 -1980 Gen- Y 1981 - 1995 Gen-Z 1996 -2010 Gen- ( Alfa Eye Generation ) - 2010 -2024 दरअसल वर्ष 1996 से लेकर 2010 के बीच की जनरेशन Z कहलाएगी जैसा कि हम सबने विगत समय में दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के माध्यम से जाना ही ह...
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