शान अपनी सभी तो दिखाते रहे
दर्द भी क्या कहें गुनगुनाते रहे
आपके प्यार में हम बेहया हो गये
प्यार भी क्या ज़हर सब पिलाते रहे
आपने दे दिया ग़म यही है बहुत
और क्या दे सके मुस्कराते रहे
बात कुछ भी नहीं और बातें बहुत
आप भी तो कहानी सुनाते रहे
हम रहे राह में चल दिये दो कदम
आप मंजिल बहुत पास आते रहे
--- नीरु ( निरुपमा मिश्रा त्रिवेदी)
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