चिराग़

साथ दिल के चिराग़ जलते हैं ये हुनर भी कमाल रखते हैं रात काली रही किसे है ग़म रोशनी का वजूद रखते हैं दे गया ख्वाब फिर नया कोई प्यार के रंग खास सजते हैं हो सके तो वहीं नज़र रखन...
मन के बोल पर जब जिंदगी गहरे भाव संजोती है, विह्वल होकर लेखनी कहीं कोई संवेदना पिरोती है, तुम भी आ जाना इसी गुलशन में खुशियों को सजाना है मुझे, अभी तो अपनेआप को तुझमें पाना है मुझे