कृतज्ञ राष्ट्र की भावभीनी श्रृद्धांजलि,, सलाम हमारा आदरणीय कलाम जी को
गर्व उन्नत भाल के थे सम्मान, विजय-तिलक सरीखे राष्ट्र-नयनों ने उनके संग निज स्वप्न हैं सफल देखे शिक्षक थे हिंदुस्तानी, तो शिक्षक समान ही विदा हुए ज्ञान,विज्ञान,स्वाभिमान का आजीवन संगम अनूठे ------ नीरु