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Showing posts from 2025

पेट में गैस बनने के मुख्य कारण और निवारण...।

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पेट में गैस बनने के मुख्य कारण 1. पाचन संबंधी कारण  a) अधपचा खाना  कुछ खाद्य पदार्थ जैसे बीन्स, गोभी, मूली, ब्रोकली आदि को पचाना मुश्किल होता है। ये फाइबर और कार्बोहाइड्रेट्स पेट में पूरी तरह नहीं पचते और बड़ी आंत में बैक्टीरिया इन्हें किण्वित (ferment) करते हैं, जिससे गैस बनती है। b) एन्ज़ाइम की कमी (Enzyme Deficiency): कुछ लोगों को लैक्टोज (दूध में पाई जाने वाली शक्कर) पचाने वाला एंजाइम (lactase) पर्याप्त मात्रा में नहीं बनता, जिससे लैक्टोज इनटॉलरेंस हो जाती है और गैस बनती है। 2. खानपान की आदतें (Eating Habits) a) तेजी से खाना या बोलते हुए खाना: इससे ज्यादा हवा निगली जाती है (aerophagia), जो बाद में गैस बनती है। b) कार्बोनेटेड ड्रिंक्स: सोडा या कोल्ड ड्रिंक्स में कार्बन डाइऑक्साइड होता है, जिससे गैस पेट में जमा होती है। 3. आंतों की स्वास्थ्य समस्याएं (Gut-Related Issues) a) इरीटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS): यह एक आम विकार है जिसमें आंतें सामान्य से अधिक संवेदनशील होती हैं, और गैस, ऐंठन, दस्त या कब्ज हो सकती है। b) बैक्टीरियल ओवरग्रोथ (SIBO): छोटी आंत में बैक्टीरिया क...

माइग्रेन से बचने के घरेलू उपाय.... जानिए ।

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माइग्रेन से बचने के लिए परम्परागत घरेलू उपचार...... वैसे तो माइग्रेन से यही अंदाज़ा लगाया जाता है कि ब्रेन में प्रॉपर ब्लड सप्लाई नहीं हो रही है। और कभी कभी ये 6-6 महीने तक परेशान भी नही करता लेकिन जब भी होता है तब ये तौबा तौबा करवा देता है। सामान्य कारण..... (1). नींद की कमी या अनिद्रा (2). टेंशन (3). सोच विचार  (4). जिम्मेदारियां (5). सफलता असफलता (6). खून की कमी (7). कब्जी (8). गैस एसिडिटी (9). गरिष्ठ भोजन (10). ज्यादा ठंड (11). ज्यादा गर्मी इत्यादि। परम्परागत कुदरती निवारण..... (1). अगर माइग्रेन हो तो सबसे पहले हल्के हाथों से मालिश करनी चाहिए। हाथों के स्पर्श से मिलने वाला आराम किसी दवा से ज्यादा असर करता है। सरदर्द होने पर कंधों और गर्दन की भी मालिश करनी चाहिए। इससे दर्द से राहत मिलती है। (2). एक तौलिये को गर्म पानी में डुबाकर, उस गर्म तौलिये से दर्द वाले हिस्सों की मालिश कीजिए। कुछ लोगों को ठंडे पानी से की गई इसी तरह की मालिश से भी आराम मिलता है। माइग्रेन में बर्फ के टुकडों का भी प्रयोग किया जा सकता है। (3). सिर दर्द होने पर अपनी सांस की गति को थोड़ा धीमा कर दीजिए, लं...

निम्न रक्तचाप ( Low Blood Pressure) लक्षण और उपाय.... जानिए।

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निम्न रक्तचाप  (Low Blood Pressure ) क्या है?.... लक्षण और उपाय, जानिए...। लो बीपी यानी "निम्न रक्तचाप" (Low Blood Pressure) एक ऐसी स्थिति है जब व्यक्ति का रक्तचाप सामान्य से कम हो जाता है। सामान्य बीपी रेंज होती है 120/80 mmHg, और जब यह 90/60 mmHg या उससे कम हो जाए, तो उसे लो बीपी कहा जाता है। लो बीपी की स्थिति में शरीर के अंगों को पर्याप्त रक्त नहीं मिलता, जिससे थकान, कमजोरी और चक्कर जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। आयुर्वेद में इसे "उदकवहा स्रोतस का दोष" कहा जाता है, जो वात दोष की असंतुलन स्थिति से जुड़ा होता है। लो बीपी के मुख्य लक्षण...  अचानक चक्कर आना या बेहोशी  धुंधली दृष्टि  थकावट, सुस्ती या ऊर्जा की कमी  दिल की धड़कन का तेज़ या असामान्य होना  ठंडा व पसीनेदार शरीर  ध्यान की कमी या भ्रम की स्थिति यदि ये लक्षण बार-बार अनुभव हों, तो लापरवाही न करें – यह शरीर का संकेत हो सकता है कि ऊर्जा व रक्त संचार में बाधा आ रही है। आयुर्वेद में लो बीपी का दृष्टिकोण... आयुर्वेद के अनुसार लो बीपी मुख्य रूप से वात दोष की अधिकता, पाचन शक्ति की कमजोरी और...

युवाओं में होने वाला तीसरा कॉमन कैंसर कौन सा है... आइए जानते हैं।

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युवाओं में होने वाला तीसरा सबसे कॉमन है ये कैंसर, शुरुआती संकेत ही होते हैं बेहद खतरनाक....। कैंसर की बीमारी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. आपको बताते हैं कि युवाओं में होने वाला तीसरा सबसे कॉमन कैंसर कौन सा है और यह खतरनाक क्यों होता है? अब तक माना जाता था कि कैंसर जैसी बीमारियाँ सिर्फ बुजुर्गों को होती हैं. लेकिन हाल की रिसर्च से साफ हो गया है कि कोलोन कैंसर (बड़ी आंत का कैंसर) अब युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है. खासकर 20 से 40 साल की उम्र के बीच के लोग अब इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं.  American Cancer Society और World Health Organization (WHO) के अनुसार, कोलोन कैंसर अब युवाओं में होने वाला तीसरा सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर बन चुका है. रिसर्च क्या कहती है? JAMA Network और NIH (National Institutes of Health) की रिपोर्ट के अनुसार, 20 से 49 साल के युवाओं में कोलोन और रेक्टल कैंसर के मामले पिछले दो दशकों में लगातार बढ़े हैं.  American Cancer Society की 2024 की रिपोर्ट में बताया गया है कि 50 साल से कम उम्र के लोगों में कैंसर के जो नए मामले सामने आते हैं, उनमें से...

ATM से हो जाते हैं बैंक से जुड़े ये दस काम.... जानिए।

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ATM सिर्फ Cash ही नहीं बल्कि चुटकियों में होते हैं बैंक से जुड़े ये 10 काम.... जानिए। ज़्यादातर लोगों के लिए ATM का मतलब है 'Any Time Money', यानी एक ऐसी मशीन जो सिर्फ कैश निकालने के काम आती है. लेकिन आप इसके नाम पर मत जाइए क्‍योंकि इसके काम अपने नाम से भी कहीं ज्‍यादा हैं. ज्‍याातर लोगों को नहीं पता कि आप इस एटीएम के जरिए बैंक से जुड़े तमाम ऐसे काम कर सकते हैं. जिसके लिए आपको बैंक की ब्रांच में जाकर लाइन लगना पड़ता है. यहां जानिए ऐसे 10 काम जो आपकी ATM मशीन चुटकियों में कर सकती है. सिक्योरिटी सबसे पहले: अपना पिन बदलें आपको अपने डेबिट कार्ड का पिन बदलने के लिए बैंक जाने की कोई ज़रूरत नहीं है. ये काम आप किसी भी समय अपने बैंक के ATM पर जाकर मिनटों में कर सकते हैं. सुरक्षा के लिहाज़ से हर कुछ महीनों में अपना पिन बदलते रहना एक अच्छी आदत है. हिसाब-किताब तुरंत: मिनी स्टेटमेंट निकालें अगर आपको अपने अकाउंट के आखिरी 8-10 ट्रांजैक्शन देखने हैं, तो आपको पासबुक अपडेट कराने की ज़रूरत नहीं है. बस ATM में जाएं, 'मिनी स्टेटमेंट' का विकल्प चुनें और आपको तुरंत एक रसीद मिल जाएगी, जिस पर आ...

रक्षा बंधन 2025 , भाई – बहन के अटूट प्रेम, विश्वास और सुरक्षा का पर्व...।

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भाई-बहन के अटूट प्रेम, विश्वास और सुरक्षा का पर्व रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिन भाई की कलाई पर राखी बांधते समय कुछ बातों का ध्यान रखें, वरना रिश्ते में खटास आ सकती है. पंचांग के मुताबिक रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जोकि इस साल शनिवार 9 अगस्त 2025 को पड़ रही है. रक्षाबंधन का पर्व केवल एक सूत (धागा) बांधने का नहीं बल्कि भाई-बहन के मजबूत रिश्ते का भी प्रतीक है. रक्षाबंधन के दिन भाई की कलाई पर राखी बांधते समय बहन को शुभ मुहूर्त, सही विधि, उचित दिशा आदि जैसी कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है. क्योंकि जाने-अनजाने में हुई गलतियां कई बार रिश्तों में दरार पैदा करती है. इसलिए इस पवित्र दिन पर ऐसी कोई गलती न करें. जान लीजिए रक्षाबंधन से जुड़े जरूरी नियम. मुहूर्त का रखें ध्यान- ऱक्षाबंधन के दिन किसी भी समय में राखी न बांधे, बल्कि केवल शुभ मुहूर्त में ही भाई की कलाई पर राखी बांधने की सलाह दी जाती है. रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Rakhi Bandhne ka Muhurat) 9 अगस्त सुबह 05:47 से दोपहर 01:24 तक रहेगा. थाली में रखें ये चीजें (Raksha...

किडनी फेल्योर या गुर्दे की विफलता... कारण और निवारण, जानिए....।

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किडनी शरीर का बेहद अहम अंग है, जो खून को साफ करने, टॉक्सिन्स बाहर निकालने और शरीर में पानी और खनिज का संतुलन बनाए रखने का काम करती है. जब किडनी सही तरीके से काम करना बंद कर देती है, तो शरीर में खतरनाक टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं. किडनी फेलियर या क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे: हाई ब्लड प्रेशर – लंबे समय तक अनियंत्रित ब्लड प्रेशर किडनी को नुकसान पहुंचाता है. डायबिटीज – भारत में डायबिटीज किडनी रोग का सबसे बड़ा कारण है. बार-बार होने वाले इंफेक्शन – किडनी में संक्रमण से इसकी कार्यक्षमता कम हो सकती है. लाइफस्टाइल और डाइट – ज्यादा नमक, प्रोसेस्ड फूड और कम पानी का सेवन किडनी पर दबाव डालता है. लंबे समय तक दवाइयों का इस्तेमाल – खासतौर पर पेनकिलर या स्टेरॉयड का. कितनी खतरनाक है किडनी की बीमारी? किडनी की बीमारी को अक्सर साइलेंट किलर कहा जाता है क्योंकि शुरुआती स्टेज में इसके लक्षण बहुत हल्के होते हैं. जब तक मरीज को थकान, सूजन, पेशाब की समस्या या ब्लड प्रेशर में बदलाव जैसे लक्षण दिखते हैं, तब तक बीमारी काफी बढ़ चुकी होती है. अंतिम स्टेज पर मरीज को डायलिसिस या किडनी ट्र...

अचानक फड़कने लगती हैं आँखें...जानिए क्यों ❓

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 अचानक फड़कने लगती हैं आँखें, जानिए क्यों ? Eye Twitching Vitamin Deficiency:  भारतीय समाज में आंख फड़कना अक्सर शुभ या अशुभ संकेत माना जाता है. दाईं आंख फड़के तो अच्छा समझा जाता है और बाईं आंख फड़के तो लोग चिंता करने लगते हैं. लेकिन आंख फड़कने का विज्ञान से भी कोई संबंध हो सकता है? विशेषज्ञों का मानना है कि आंखों का बार-बार फड़कना कोई ज्योतिषीय संकेत नहीं, बल्कि आपके शरीर में मौजूद पोषण की कमी हो सकता है. डॉ. सोनल बताती हैं कि, लगातार आंख फड़कना कई बार शरीर में कुछ खास विटामिन्स की कमी का संकेत हो सकता है. आइए जानते हैं इसका असली कारण क्या है और किन विटामिन्स की कमी आंख फड़कने की वजह बनती है. असली वजह क्या है? आंख फड़कने को मेडिकल भाषा में मायोकिमिया (Myokymia) कहा जाता है. यह एक प्रकार की मांसपेशियों की ऐंठन होती है, जो अक्सर आंख की पलकों में महसूस होती है. यह कुछ ही सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक चल सकती है. विटामिन की कमी से आंख क्यों फड़कती है? मैग्नीशियम की कमी आंख फड़कने का सबसे आम कारण मैग्नीशियम की कमी है. यह मिनरल मांसपेशियों को आराम देने और तंत्रिका तंत्र को...

SIP नही SIF से होगी पैसे की बारिश.... म्यूच्युअल फंड इंडस्ट्री में नया अध्याय, जानिए

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SIP नहीं SIF से होगी पैसों की बारिश, क्वांट ला रहा म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में नया अध्याय....। देश में पहली बार म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में Specialized Investment Fund (SIF) की शुरुआत हो रही है. क्वांट म्यूचुअल फंड अगस्त 2025 में QSIF Equity Long-Short Fund लॉन्च करने जा रहा है, जो ट्रेडिशनल फंड्स से अलग लॉन्ग और शॉर्ट दोनों पोजिशन लेकर रिटर्न कमाने की कोशिश करेगा. भारत की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है. क्वांट म्यूचुअल फंड देश का पहला स्पेशलाइज्ड इनवेस्टमेंट फंड (SIF) लॉन्च करने जा रहा है, जिसका नाम होगा QSIF Equity Long-Short Fund. यह फंड पारंपरिक म्यूचुअल फंड्स से बिल्कुल अलग होगा और इसमें लॉन्ग-शॉर्ट पोजिशन की मदद से मुनाफा कमाने की रणनीति अपनाई जाएगी. SEBI से मंजूरी मिल चुकी है और इसे अगस्त 2025 में लॉन्च किया जा सकता है. क्वांट म्यूचुअल फंड जल्द ही देश का पहला QSIF Equity Long-Short Fund लॉन्च करने वाला है, जो Specialized Investment Fund (SIF) फ्रेमवर्क के तहत आएगा. SEBI ने हाल ही में SIF को मंजूरी दी है, जो म्यूचुअल फंड और PMS के बीच की दूरी को पाटने ...

नाग पंचमी 2025

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🐍नागपंचमी 2025 पर विशेष   सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन 12 प्रमुख नागों की पूजा की जाती है जो कि सभी शिवजी के गण हैं। इनमें से भी 8 नाग प्रमुख हैं। इस बार नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई 2025 मंगलवार को मनाया जाएगा। अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्। शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥ एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्। सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः। तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥   मन्त्र अर्थ- नौ नाग देवताओं के नाम अनन्त, वासुकी, शेष, पद्मनाभ, कम्बल, शङ्खपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक तथा कालिया हैं। यदि प्रातःकाल नियमित रूप से इनका जप किया जाता है, तो नाग देवता आपको समस्त पापों से सुरक्षित रखेंगे तथा आपको जीवन में विजयी बनाएंगे।   शेष नाग:- इन नागों में सबसे बड़ा शेष नाग है जो कि श्रीहरि विष्‍णु की सेवा में रहते हैं। राम के भाई लक्ष्मण और श्रीकृष्ण के भाई बलराम दोनों ही शेषनाग के अवतार थे। इसके बाद वासुकि नाग का नाम आता है जो कि भगवान शिव की सेवा में लगे रहते हैं, और जिनकी बहन का नाम मनसा देवी है।...

लीवर नहीं रहेगा फैटी और बॉडी भी होगी डिटॉक्स..... जानिए कैसे ?

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न लिवर रहेगा फैटी और बॉडी भी होगी डिटॉक्स, बस रुटीन में लानी होंगी डॉक्टर की बताईं ये 3 आदतें लिवर हमें शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों मे से एक है, लेकिन हम इस पर ज्यादा ध्यान तब तक नहीं देते, जब तक हमें कोई बड़ी समस्या नहीं दिखती है. आइए आपको बताते हैं कि लिवर को कैसे सुरक्षित रखा जाए? हममें से ज्यादातर लोग लिवर के बारे में तब सोचते हैं जब इसमें कोई समस्या आ जाती है. जबकि यह हमारे शरीर का सबसे मेहनती अंग है. लिवर पाचन को दुरुस्त रखता है, खाने-पीने की चीजों को प्रोसेस करता है और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है. आयुर्वेद में लिवर को और भी खास माना गया है. इसे रक्तवाह स्रोत से जोड़ा गया है, यानी यह न सिर्फ खून और पित्त के प्रवाह को नियंत्रित करता है, बल्कि इसका असंतुलन दिल, फेफड़े और पेट समेत कई अंगों को प्रभावित कर सकता है. AVP रिसर्च फाउंडेशन के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर डॉ. सोमित कुमार के अनुसार, लिवर को स्वस्थ रखने के लिए बड़े बदलाव नहीं, बल्कि जीवन में छोटे-छोटे बदलाव जरूरी हैं. आयुर्वेद के अनुसार, लिवर का सीधा संबंध पित्त दोष से है, जो शरीर में गर्मी और पाचन को नियंत्रित करता है. ज्य...

बरसात के मौसम में खाइए काकोरा की सब्जी

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बरसात है तो ककोरा की सब्ज़ी खायें ककोरा की सब्जी  बरसात के मौसम में आती है औऱ यह जंगली सब्ज़ी  है,खुद पैदा होती है।इसकी खेती नहीं होती न खेती की जा सकती है।  इस कांटेदार दिखने वाली सब्जी को लोग आम बोलचाल की भाषा में ककोरा, कंटोला या ककोड़ा के नाम से जानते हैं. ककोरा की सब्जी को औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है और ये कई सेहत संबंधी समस्याओं को दूर करने में कारगर है. इस सब्जी को खाने के अलावा औषधी की तरह नुस्खों में भी इस्तेमाल किया जाता है. ककोरा को गुणों की खान माना गया है।  इसके न्यूट्रिएंट्स की बात करें तो इसमें प्रोटीन, विटामिन ए, सी, के, बी-1, बी-2, बी-3, बी-5, बी-6, विटामिन डी, और जिंक, कॉपर समेत कई पोषक तत्व पाए जाते हैं.  ककोरा की सब्जी लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली सब्जी है इसलिए यह उन डायबिटिक लोगों के लिए फायदेमंद है, जिनका ब्लड शुगर हाई हो जाता है. इसके अलावा बीपी कंट्रोल करने में भी ककोरा की सब्जी कारगर मानी गई है. आज के वक्त में बच्चों से लेकर यंगस्टर्स और व्यस्क लोग भी बड़ी संख्या में मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं. यह एक लो कैलोरी सब्...

प्रकृति का चमत्कार.. अमरबेल लता

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अमरबेल अमर बेल एक पराश्रयी (दूसरों पर निर्भर) लता है, जो प्रकृति का चमत्कार ही कहा जा सकता है। बिना जड़ की यह बेल जिस वृक्ष पर फैलती है, अपना आहार उससे रस चूसने वाले सूत्र के माध्यम से प्राप्त कर लेती है। अमर बेल का रंग पीला और पत्ते बहुत ही बारीक तथा नहीं के बराबर होते हैं। अमर बेल पर सर्द ऋतु में कर्णफूल की तरह गुच्छों में सफेद फूल लगते हैं। बीज राई के समान हल्के पीले रंग के होते हैं। अमर बेल बसन्त ऋतु (जनवरी-फरवरी) और ग्रीष्म ऋतु (मई-जून) में बहुत बढ़ती है और शीतकाल में सूख जाती है। जिस पेड़ का यह सहारा लेती है, उसे सुखाने में कोई कसर बाकी नहीं रखती है। रंग : अमर बेल का रंग पीला होता है। स्वाद : इसका स्वाद चरपरा और कषैला होता है। स्वभाव : अमर बेल गर्म एवं रूखी प्रकृति की है। इस लता के सभी भागों का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। मात्रा (खुराक) : अमर बेल को लभगभ 20 ग्राम की मात्रा में प्रयोग कर सकते हैं। गुण : आकाश बेल ग्राही, कड़वी, आंखों के रोगों को नाश करने वाली, आंखों की जलन को दूर करने वाली तथा पित्त कफ और आमवात को नाश करने वाली है। यह वीर्य को बढ़ाने वाली रसायन ...

नींद की कमी का दिमाग पर असर... आइए जानें।

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World Brain 🧠 Day 22 जुलाई 2025 पर विशेष रात की नींद हमारी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। इस दौरान दिमाग भी खुद को आराम देता है, रिपेयर करता है और दिनभर की मेमोरी को स्टोर करता है। हालांकि आजकल की लाइफस्टाइल में लोग रात को देर तक जागते हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं नींद की कमी सीधे तौर पर हमारे दिमाग को नुकसान (Sleep and Brain Health) पहुंचा सकती है? इसलिए ब्रेन हेल्थ डे (World Brain Day 2025) के मौके पर हमने डॉ. (प्रो.) कुनाल बहरानी ( क्लीनिकल डायरेक्टर- न्यूरोलॉजी, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल फरीदाबाद) से यह जाना कि जब हम पूरी नींद नही लेते तो इसका हमारे दिमाग पर क्या असर पड़ता है। आइए जानें इस बारे में। 1: याददाश्त और सीखने की क्षमता पर असर नींद के दौरान हमारा दिमाग दिनभर की एक्टिविटीज और सीखी गई चीजों को ऑर्गेनाइज करता है। डीप स्लीप और REM स्लीप साइकिल के दौरान दिमाग नई जानकारी को लंबे समय तक याद रखने के लिए स्टोर करता है। अगर नींद पूरी नहीं होती, तो यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है, जिससे याददाश्त कमजोर होने लगती है और नई चीजें सीखने में मुश्किल होती है। 2: फोकस करने और फैसले लेने की क्...

अश्वगंधा... एक चमत्कारिक औषधि

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अश्वगंधा एक चमत्कारिक दवा कैसे करें इसका सेवन... अश्वगंधा चूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है, जो आपकी सेहत के लिए बहुआयामी फायदों का खजाना है।  इसे सही तरीके से सेवन करने से न केवल आपका शारीरिक बल बढ़ेगा, बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त होगी। आइए विस्तार से जानें कि अश्वगंधा चूर्ण का सेवन कैसे और किन तरीकों से किया जा सकता है। 1 पानी के साथ (Water Method) कैसे करें सेवन....... 1 चम्मच (लगभग 5 ग्राम) अश्वगंधा चूर्ण लें। इसे गुनगुने पानी के साथ मिलाकर रोज़ाना सुबह और रात को सेवन करें। फायदे:........ तनाव और चिंता से राहत मिलती है। इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है। 2 दूध के साथ (Milk Method) कैसे करें सेवन? एक गिलास गर्म दूध लें। उसमें 1 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण मिलाएं। स्वाद के लिए थोड़ा सा शहद या गुड़ डाल सकते हैं। ♦️फायदे:....... यह आपकी हड्डियों को मजबूत करता है। शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। मांसपेशियों की मजबूती बढ़ती है। विशेष टिप सोने से पहले सेवन करें, इससे गहरी और शांत नींद आती है। 3 घी के साथ (Ghee Method) कैसे करें सेवन...... 1/2 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण लें।...

जानलेवा है पेट का कैंसर, इन लक्षणों को आम समझाने की गलती मत करिए...।

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जान ले सकता है पेट का कैंसर; लंबा जीना है, तो इन लक्षणों को आम समझने की न करें गलती  पेट के कैंसर (Stomach cancer symptoms) के कुछ सामान्य लक्षण हैं जिन्हें लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि इन लक्षणों को अनदेखा करना जानलेवा हो सकता है। इसलिए समय रहते आम लगने वाले कुछ लक्षणों की पहचान करना जरूरी है। बीते कुछ दिनों से पेट के कैंसर (Stomach cancer symptoms) के मामले दुनिया में तेजी से बढ़ने लगते हैं। खुद भारत में कई लोग इस गंभीर बीमारी से परेशान हैं। यह कैंसर (stomach cancer causes) का एक गंभीर प्रकार माना जाता है, जिसकी पहचान अक्सर देर से होती है। दरअसल, इस बीमारी के लक्षण काफी आम होते हैं, जिसे लोग पेट से जुड़ी सामान्य समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में फोर्टिस एस्कॉर्ट्स, ओखला में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी और हेपेटोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुरक्षित टी.के. से जानेंगे कुछ ऐसे ही सामान्य लक्षणों के बारे में, जिसे लोग अक्सर सामान्य समझकर इग्नोर कर देते हैं, लेकिन ये पेट के कैंसर ( stomach cancer prevention) के चेतावनी संकेत हो सकते हैं।  इन लक्षणों से...

बारिश में नहाने के फायदे और नुकसान... जानिए डॉक्टर की राय।

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बारिश में नहाने के फायदे और नुकसान, जानिए डॉक्टर की राय...  बारिश में नहाना कई लोगों को अच्छा लगता है. जैसे ही बूंदें गिरना शुरू होती हैं, लोग बाहर निकलकर बरसात का आनंद लेना शुरू कर देते हैं. अधिकतर लोग मानते हैं कि बारिश का पानी साफ होता है और उससे नहाने से दिक्कत नहीं है. हालांकि बारिश में नहाने के बाद कई लोगों की तबीयत बिगड़ जाती है. ऐसे में सवाल उठता है कि लोगों को बारिश में नहाना चाहिए या नहीं? अगर कोई बारिश में नहाता है, तो उससे सेहत को क्या नुकसान हो सकता है? अगर आपके मन में भी ये सवाल आ रहे हैं, तो इन सभी के जवाब डॉक्टर से जानने की कोशिश करते हैं. नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिव हेल्थ एंड वेलनेस डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत ने बताया कि बारिश में नहा सकते हैं,बारिश में कभी-कभार नहाने से कोई नुकसान नहीं है. लेकिन उसके बाद घर पर साफ पानी से नहाना बेहद जरूरी होता है. दरअसल बारिश के पानी में कई बार प्रदूषण और बैक्टीरिया हो सकते हैं, जिससे नहाने पर कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. बारिश में नहाते वक्त धूल, मिट्टी और गंदगी की चपेट में आ गए, तो स्किन पर...

नींबू की चाय के फायदे

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नींबू की चाय कई बीमारियों को दूर रखती है, नियमित सेवन से होते हैं जबरदस्त फायदे...। नींबू-चाय दूध वाली चाय पीना सेहत के लिए हानिकारक है साथ ही विशेषज्ञों का कहना है कि आपको दिन में दो कप से ज़्यादा इस चाय का सेवन नहीं करना चाहिए...। लेकिन,नींबू की चाय पीने से आपको कोई परेशानी नहीं है क्योंकि नियमित रूप से नींबू की चाय पीने से आपकी सेहत अच्छी रहती है. आइए जानें नींबू की चाय पीने के क्या-क्या फायदे हैं....। स्वास्थ्य संबंधी कई शिकायतों के लिए उपयोगी! हाल ही में, कई लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए हैं. इसलिए, व्यायाम और आहार ने स्वास्थ्य में अत्यधिक महत्व प्राप्त कर लिया है. यह कहना गलत नहीं होगा कि चाय भारतीयों की कमज़ोरी है हालाँकि पिछले कुछ समय से इस बात को लेकर काफ़ी चर्चा हो रही है कि चाय और कॉफ़ी सेहत के लिए अच्छी नहीं हैं. फिर कई लोगों ने नियमित चाय पीना बंद कर दिया. हालाँकि इससे ब्लैक टी, लेमन टी/लाइम टी जैसी चीज़ों की माँग बढ़ गई.  नींबू की चाय बनाना आसान है और यह शरीर को साफ करने के काम आती है। अब इसमें कौन से तत्व हैं जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं? इस बारे में बहु...

पांच प्राण एवं उप प्राण व्याख्या

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पाँच प्राण एवं उप प्राण व्याख्या 〰️〰️🔸〰️🔸〰️🔸 प्राणतत्व एक है, पर प्राणी के शरीर में उसकी क्रियाशीलता के आधार पर कई भागों में विभक्त किया गया है। शरीर के प्रमुख अवयव मांस-पेशियों से बने हैं, पर संगठन की भिन्नता के कारण उनके आकार-प्रकार में भिन्नता पाई जाती है। इसी आधार पर उनका नामकरण एवं विवेचन भी पृथक्-पृथक् होता है। मानवी-काया में प्राण-शक्ति को भी विभिन्न उत्तरदायित्व निबाहने पड़ती हैं उन्हीं आधार पर उनके नामकरण भी अलग हैं और गुण धर्म की भिन्नता भी बताई जाती है। इस पृथकता के मूल में एकता विद्यमान है। प्राण अनेक नहीं हैं। उसके विभिन्न प्रयोजनों में व्यवहार पद्धति पृथक है। बिजली एक है, पर उनके व्यवहार विभिन्न यन्त्रों में भिन्न प्रकार के होते हैं। हीटर, कूलर, पंखा, प्रकाश, पिसाई आदि करते समय उसकी शक्ति एवं प्रकृति भिन्न लगती है। उपयोग आदि प्रयोजन को देखते हुए भिन्नता अनुभव की जा सकती है तो भी जानने वाले जानते हैं कि यह सब एक ही विद्युत शक्ति के बहुमुखी क्रिया-कलाप हैं। प्राण-शक्ति के सम्बन्ध में भी यही बात कही जा सकती है। शास्त्रकारों ने उसे कई भागों में विभाजित किया है, कई नाम दिये...

अमरूद की पत्ती के स्वास्थ्य सम्बन्धित लाभ

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अमरूद की पत्ती कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक उपाय है। यह पाचन में सुधार करता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, वजन कम करने में मदद करता है, रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है, हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, और त्वचा की स्थिति को बेहतर बनाता है.  अमरूद की पत्ती के कुछ विशेष फायदे: पाचन: अमरूद की पत्ती चबाने या उबालकर पीने से पाचन में सुधार होता है, पेट की गैस, एसिडिटी और कब्ज से राहत मिलती है.  रोग प्रतिरोधक क्षमता: अमरूद की पत्ती विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और संक्रमण से बचाता है.  वजन घटाने में मदद: अमरूद की पत्ती कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को कम करने में मदद करती है, जिससे वजन कम होता है.  रक्त शर्करा नियंत्रण: अमरूद की पत्ती रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.  हृदय स्वास्थ्य: अमरूद की पत्ती हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करती है, क्योंकि यह रक्तचाप को नियंत्रित करने और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती है.  त...

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस.. एक अनचाही बीमारी, कारण, लक्षण, एवं उपचार... जानिए

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस एक अनचाही बीमारी... सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के कारण, संकेत, लक्षण एवं उपचार.. जब उपास्थियों (नरम हड्डी) और गर्दन की हड्डियों में घिसावट होती है तब सर्वाइकल की समस्या उठेगी। इसे गर्दन के अर्थराइटिस के नाम से भी जाना जाता है। यह प्राय: वृद्धावस्था में उठता है। सर्वाइकल स्पॉन्डलाइसिस के अन्य दूसरे नाम सर्वाइकल ऑस्टियोआर्थराइटिस, नेक आर्थराइटिस और क्रॉनिक नेक पेन के नाम से जाना जाता है। सर्वाइकल स्पॉन्डलाइसिस गर्दन के जोड़ों में होने वाले अपक्षय से सम्बंधित है जो उम्र के बढ़ने के साथ बढ़ता है। 60 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों में प्राय: यह पाया जाता है। इसके कारण अक्षमता या अशक्तता हो जाती है। बच्चों और युवाओं की तुलना में बूढ़े लोगो में पानी की मात्रा कम होती है जो डिस्क को सूखा और बाद में कमजोर बनाता है। इस समस्या के कारण डिस्क के बीच की जगह गड़बड़ हो जाती है और डिस्क की ऊंचाई में कमी लाता है। ठीक इसी प्रकार गर्दन पर भी बढ़ते दबाव के कारण जोड़ों और या गर्दन का आर्थराइटस होगा। घुटने के जोड़ की सुरक्षा करने वाली उपास्थियों का यदि क्षय हो जाता है तो हड्डियों में घर्षण होगा। उपास्थि...