औरत की आँखों से दुनिया

औरत की आँखों से दुनिया

यही तो गड़बड़ी है
  कि औरतों की आँखों से दुनिया
  नहीं देखी जाती
  तभी तो करुणा-दया-ममत्व
  रहित हुआ संसार
  हिंसा, चोरी, डकैती, अनाचार
  लूट- खसोट और मक्कारी का
पसरा चौतरफा साम्राज्य है

  माँ.. एक रोटी दे दो
  यदि कोई मांग बैठे
  दुनिया के किसी भी
  मुल्क की औरत को
  यह शब्द ममत्व से भर देने
   के लिए काफी है..

  औरत का आँचल
  घर, परिवार,    गली,मोहल्ला
  बस्ती, गाँव शहरों
  देश की  सीमाएं लांघता
  धरती से लिपट
  आकाश में लहराता
अनंत तक फैला हुआ है
लेकिन उसे देखने के लिए
औरत की आँखें होना भी       ज़रूरी है
----- नीरू

Comments

Popular posts from this blog

महिलाओं में होने वाली खतरनाक बीमारियॉं एवं बचाव ( International Womens Day Special Article )

खाली पेट न खायें ये चीजें

लीवर नहीं रहेगा फैटी और बॉडी भी होगी डिटॉक्स..... जानिए कैसे ?