Tuesday, 26 September 2017

शान अपनी सभी तो दिखाते रहे

                 शान अपनी सभी तो दिखाते रहे
                 दर्द भी क्या कहें गुनगुनाते रहे

                 आपके प्यार में हम बेहया हो गये
                 प्यार भी क्या ज़हर सब पिलाते रहे

                 आपने दे दिया ग़म यही है बहुत
                 और क्या दे सके मुस्कराते रहे

बात कुछ भी नहीं और बातें बहुत
आप भी तो कहानी सुनाते रहे

हम रहे राह में चल दिये दो कदम
आप मंजिल बहुत पास आते रहे
--- नीरु ( निरुपमा मिश्रा त्रिवेदी)

Monday, 4 September 2017

अब मिले आप

अब मिले आप भी, ज़िंदगी की तरह
रोशनी मिल गयी, बंदगी की तरह
हम नहीं बेख़बर, आपसे अब रहे
आप हैं अब हमारी,ख़ुशी की तरह
---- नीरु

Sunday, 3 September 2017

आसमां वही फिर उठाकर चले

                    बात कोई जो दिल में छुपाकर  चले ।
                    आसमां भी वही फिर उठाकर चले ।

                     राह में ठोकरें भी बहुत- सी लगी,
                     हौसले हम सभी फिर जगाकर चले।

                     देखिये तो सनम इक इधर भी नज़र,
                     हाथ भी तो हमीं से मिलाकर चले ।

आप भी साथ में अब हमारे हुए,
ख़्वाब अपने सभी हम सजाकर चले ।

कौन दुश्मन हमारा यहाँ पर हुआ
भेद अपने सभी हम भुलाकर चले
---- नीरु ( निरुपमा मिश्रा)