अभी प्यार हमने जताया नही है
अभी हाल दिल का बताया नही है
बहुत ख्वाब देखा निगाहों से ओझल
अभी आँख में सब सजाया नही है
रुके जो नही है हमारी निशानी
अभी चाल अपनी दिखाया नही है
कई कर्ज़ बाकी अभी जिंदगी पर
सभी फर्ज़ हमने निभाया नही है
सुनों दिल कहीं कह गया क्या किसी से
अभी गीत हमने सुनाया नही है
ज़रा थाम लूं मैं बहक ही न जाओ
अभी ज़ाम हमने पिलाया नही है
तराने बहुत दिल सुनाता कहानी
अभी राज़ अपना बताया नही है
------ नीरु ' निरुपमा मिश्रा त्रिवेदी '
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