मन के बोल पर
जब जिंदगी
गहरे भाव संजोती है,
विह्वल होकर लेखनी
कहीं कोई
संवेदना पिरोती है,
तुम भी आ जाना
इसी गुलशन में
खुशियों को सजाना
है मुझे,
अभी तो अपनेआप को
तुझमें
पाना है मुझे
Sunday, 6 March 2016
महाशिवरात्रि पर्व की शुभकामनायें
शक्ति का प्रयोजन अधूरा
जब तक नही है शिवम्
सारतत्व यही जीवन का
सत्यम्, शिवम्, सुंदरम्
--- नीरू
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