तेरी वापसी
जूही , चमेली,कचनार
चंपा,बेला और हरसिंगार के फूल
महक उठे फिर
दिवस मास नहीं
ऐसा लगा कि सदियों बाद
तेरी वापसी हुई,
घोंसले में चिड़िया
गमकती, लरजती हवा
अंधकार में ,तल-अतल में डूबी
दिशाओं में रोशनी और
सूखी पड़ी नदी में
जल की नहीं
तेरी और तेरी ही वापसी हुई,
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