रंग अपने बचपन के
रंग बदलती हुई दुनिया में, रंग अपने बचपन के
उम्र भले ही कितनी होगी, दिल दो रहने बचपन से
दुनियादारी के चक्कर में, ख़ुद को भी हम भूल गये
हमसे हमको मिलवाये, वो ढंग सलोने बचपन के
---- नीरु ( निरुपमा मिश्रा त्रिवेदी)
रंग बदलती हुई दुनिया में, रंग अपने बचपन के
उम्र भले ही कितनी होगी, दिल दो रहने बचपन से
दुनियादारी के चक्कर में, ख़ुद को भी हम भूल गये
हमसे हमको मिलवाये, वो ढंग सलोने बचपन के
---- नीरु ( निरुपमा मिश्रा त्रिवेदी)
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