आपके प्यार में खो गये
इश्क में रतजगे हो गये
दर्द भूले सभी खो गये
प्यार के काफिले हो गये
ठीक था होंठ चुप ही रहे
बात से जलजले हो गये
बात में बात जुड़ती गई
बात से फलसफ़े हो गये
रंग में रंग मिलता गया
इश्क में सांवले हो गये
बात कुछ खास है प्यार में
खोट भी अब खरे हो गये
लोग कहते शराफ़त गई
हम बहुत मनचले हो गये
----- नीरु ' निरुपमा मिश्रा त्रिवेदी'