पश्चिम में
अरबों-खरबों रश्मियों वाला रथ
जा पहुंचा है....
अगली सुबह का इंतजार करो
सूरज डूबने को है
सितारों-भरी रात आने को है....
आसमान में एक तारा
और फिर प्रकट होंगे
असंख्य तारे
इंतजार करो....
चाँद की बारात
झींगुरों की झंकार
एक्का-दुक्का चिड़ियों के
गीत के साथ
सुर में सुर मिलाने को है....
रात-दिन का यह कारोबार
चला करता है
हमेशा इसी तरह....
--- नीरु