Tuesday, 1 April 2025

सहजन ( मोरिंगा ) की सब्जी रेसिपी

सहजन की सब्जी रेसिपी 👇 👇 👇 
सहजन (Drumstick) एक पोषण से भरपूर सब्जी है, जिसे कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन C, आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

1. हड्डियों को मजबूत बनाता है – सहजन में कैल्शियम और फॉस्फोरस अधिक होता है, जो हड्डियों को मजबूत करता है और ऑर्थराइटिस में फायदेमंद होता है।

2. पाचन सुधारता है – इसमें फाइबर अधिक होता है, जिससे पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है और कब्ज की समस्या दूर होती है।

3. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है – विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर सहजन संक्रमण से बचाने में मदद करता है।

4. ब्लड शुगर नियंत्रित करता है – यह डायबिटीज रोगियों के लिए लाभदायक माना जाता है, क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखता है।

5. दिल की सेहत के लिए अच्छा – सहजन कोलेस्ट्रॉल कम करता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है।

👉इसका नियमित सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

सहजन की सब्जी बनाने की रेसिपी इस प्रकार है:
सामग्री:-👇👇
सहजन (मोरिंगा) के पत्ते - 100 ग्राम 
सहजन की फली (कटे हुए) - 500 ग्राम 
प्याज (बारीक कटा हुआ) - 2
टमाटर (बारीक कटा हुआ) - 2
हरी मिर्च (कटी हुई) - 2
अदरक-लहसुन का पेस्ट - 2 चम्मच
हल्दी पाउडर - 1/2 चम्मच
लाल मिर्च पाउडर - 1 चम्मच
जीरा - 1/2 चम्मच
सूखा लाल मिर्च 2
हींग 1 चुटकी 
तेल - 4 चमच
नमक - स्वाद अनुसार




विधि:-👇👇
👉 सबसे पहले सहजन की फली को धोकर छील लें और छोटे टुकड़ों में काट लें।

👉एक कढ़ाई में तेल गरम करें, उसमें जीरा, हींग और लाल मिर्च डालकर तड़कने दें।

👉अब इसमें बारीक कटा हुआ प्याज और हरी मिर्च डालें और हल्का भूरा होने तक भूनें।

👉इसके बाद अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें, और कुछ सेकंड तक भूनें।

👉अब टमाटर, स्वादानुसार नमक,हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर,गरम मसाला पाउडर और लाल मिर्च पाउडर डालें। टमाटर को नरम होने तक पकने दें।

👉फिर सहजन की फली और पत्ते डालें, साथ ही नमक डालकर अच्छे से मिलाएं।

👉1/2 कप पानी डालें और ढककर 10-15 मिनट तक पकने दें, ताकि सहजन की फली नरम हो जाए।

👉सहजन की सब्जी को रोटी, पराठा या चावल के साथ सर्व करें।


Friday, 14 March 2025

मोबाइल पर आये ऐसे मैसेज तो तुरंत करें डिलीट स्कैमर्स से बचें ।


मोबाइल  पर आए ये मैसेज तो तुरंत कर दें डिलीट, FBI ने किया अलर्ट, ठगी के लिए स्कैमर्स ने ढूंढा नया तरीका -: 


स्कैमर्स ने डेटा चोरी और पैसों की ठगी के लिए नया तरीका निकाल लिया है । अमेरिकी एजेंसी FBI ने नई तरह के Smishing Attacks को लेकर वॉर्निंग जारी की है ।



beware of smishing attacks on your phone fbi warns saying that money and identity are at risk.....



FBI ने Smishing Attack से सावधान रहने की अपील की है ।
 
Smishing Attack-:
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      डेटा चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए स्कैमर्स नए-नए तरीके अपना रहे हैं । अब अमेरिकी एजेंसी FBI ने एक नई तरह के स्कैम को लेकर वॉर्निंग जारी की है । इस तरह के स्कैम में मोबाइल यूजर्स के पास एक फर्जी मैसेज आता है । इसमें टोल टैक्स न चुकाने पर जुर्माना लगने जैसा कोई झूठ बोला जाता है ।इसके बाद मोबाइल यूजर्स को तुरंत जुर्माना चुकाने के लिए कहा जाता है ।
    मैसेज में दिया गया लिंक एक स्पैम पेज खोलता है, जहां से स्कैमर्स के लिए यूजर की जानकारी चुराना आसान हो जाता है । इसे तरह के स्कैम को Smishing (SMS+Phishing) स्कैम कहा जा रहा है ।

नकली डोमेन का लिया जा रहा सहारा -:
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पहले ये स्कैम सिर्फ टोल टैक्स के नाम पर फर्जी मैसेज भेजकर शुरू हुए थे और अब स्कैमर्स डिलीवरी सर्विस आदि के नाम पर भी लोगों को चूना लगाने की कोशिश कर रहे हैं । रिपोर्ट्स के अनुसार, स्कैमर्स ने इसके लिए 10,000 नकली डोमेन रजिस्टर किए हैं । असली जैसे दिखने वाले ये डोमेन स्कैमर्स की चाल होते हैं और मैसेज पर दिए लिंक पर क्लिक करते ही लोग यहां पहुंच जाते हैं । 
मैसेज में लोगों को पेनल्टी से बचने के लिए तुरंत जुर्माना चुकाने को कहा जाता है । अगर कोई गलती से इस लिंक पर क्लिक कर देता है तो उससे बैंक और क्रेडिट कार्ड आदि की जानकारी मांगी जाती है । यह पूरी जानकारी स्कैमर्स के पास पहुंचती है, जिससे उनके लिए डेटा चोरी के साथ-साथ पैसों की ठगी करना भी आसान हो जाता है ।

ऐसे स्कैम से कैसे बचें?
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FBI का कहना है कि अभी अमेरिका और कनाडा के कुछ इलाकों में Smishing के कुछ मामले आए हैं । एजेंसी ने इस तरह के स्कैम से बचाव के लिए ऐसे किसी भी मैसेज को तुरंत डिलीट करने की सलाह दी है. बता दें कि साइबर फ्रॉड के मामलों से बचने के लिए सावधानी जरूरी है और लोगों को किसी भी अनजान या संदिग्ध व्यक्ति से मिले लिंक पर क्लिक न करने की सलाह दी जाती है ।

साभार गूगल ( एबीपी टेक डेस्क )
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होली के रंग छुड़ाने के तरीके

होली के रंगों को छुड़ाने के लिए आप ये असरदार तरीके अपना सकते हैं-:  

त्वचा से रंग हटाने के उपाय-: 
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1. नारियल या जैतून का तेल-: रंग लगे हिस्सों पर तेल लगाकर हल्के हाथों से मालिश करें, फिर गुनगुने पानी और माइल्ड साबुन से धो लें। 

 
2. बेसन और दही-: बेसन, दही और हल्दी को मिलाकर पेस्ट बनाएं इसे 10-15 मिनट तक लगाकर रखें और फिर हल्के हाथों से रगड़कर धो लें।  

3. एलोवेरा जेल-: रंग छुड़ाने के साथ-साथ त्वचा को ठंडक देने के लिए एलोवेरा जेल लगाएं।  

4. नींबू का रस-: नींबू का रस रंग हल्का करने में मदद करता है, लेकिन इसे ज्यादा देर न छोड़ें क्योंकि यह त्वचा को सूखा सकता है।  


बालों से रंग हटाने के उपाय-:  
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1. सरसों या नारियल तेल-: होली खेलने से पहले बालों में तेल लगाएं, इससे रंग आसानी से निकल जाएगा।  

2. माइल्ड शैंपू-: होली के बाद बालों को माइल्ड शैंपू से धोकर अच्छी तरह कंडीशनिंग करें। 

3. दही और अंडा-: दही और अंडे को मिलाकर बालों में लगाएं, 30 मिनट बाद धो लें। इससे रंग हटेगा और बाल मुलायम बनेंगे।  

हाथों और नाखूनों से रंग छुड़ाने के उपाय-: 
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1. बेकिंग सोडा और नींबू-: बेकिंग सोडा में नींबू का रस मिलाकर हल्के हाथों से रगड़ें।  
2. टूथपेस्ट-: सफेद टूथपेस्ट नाखूनों पर लगाकर ब्रश से हल्के-हल्के रगड़ें।  

कपड़ों से रंग हटाने के उपाय-: 
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1. सिरका और बेकिंग सोडा-: कपड़ों को गरम पानी में सिरके और बेकिंग सोडा के घोल में कुछ घंटे भिगोकर धो लें।  

2. नींबू और डिटर्जेंट -: पानी में नींबू का रस मिलाकर कपड़ों को भिगोएं फिर साबुन से धो लें।  

अगर रंग पूरी तरह से न हटे तो घबराएं नही कुछ दिनों में अपने आप हल्का हो जाएगा। 


साभार गूगल 

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प्रापर्टी म्यूटेशन ( नामांतरण ) प्रकिया

प्रापर्टी म्यूटेशन ( नामांतरण  ) प्रक्रिया 
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उत्तर प्रदेश में प्रॉपर्टी म्यूटेशन (नामांतरण) के लिए आपको संबंधित नगर निगम या राजस्व विभाग में आवेदन करना होगा, जहाँ आपको आवश्यक दस्तावेज और शुल्क जमा करने होंगे जिसके बाद आपकी संपत्ति का स्वामित्व आधिकारिक तौर पर नए मालिक के नाम अपडेट हो जाएगा । 




प्रक्रिया-:
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1. आवेदन-:
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ऑफलाइन-: अपने क्षेत्र के संबंधित नगर निगम या राजस्व विभाग (जैसे कि ब्लॉक या उप-पंजीयक कार्यालय) में जाएँ और आवेदन पत्र प्राप्त करें ।
 
ऑनलाइन-: कुछ नगर निगमों और राजस्व विभागों में ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया उपलब्ध है, जिसके लिए उनकी वेबसाइट पर जाएँ और आवश्यक जानकारी भरें । 

2. आवश्यक दस्तावेज-:
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विक्रय प्रमाण पत्र (Sale Deed) या अन्य स्वामित्व प्रमाण पत्र .... 
आवेदक का पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी) ..... 
संपत्ति का पता और विवरण .... 
म्यूटेशन शुल्क का भुगतान रसीद ... 
अन्य आवश्यक दस्तावेज (जैसे कि उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, वसीयत, आदि) 

3. आवेदन जमा करना-:
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सभी आवश्यक दस्तावेजों और शुल्क के साथ आवेदन जमा करें ।

4. सत्यापन-:
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आपके आवेदन की जांच और सत्यापन संबंधित विभाग द्वारा की जाएगी ।

5. म्यूटेशन प्रमाणपत्र जारी करना -:
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सत्यापन के बाद आपको म्यूटेशन प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा, जो आपके संपत्ति के स्वामित्व को आधिकारिक रूप से दर्शाता है ।


महत्व-:
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म्यूटेशन एक कानूनी आवश्यकता है जो यह सुनिश्चित करती है कि सरकारी रिकॉर्ड में संपत्ति के स्वामित्व के बारे में सटीक जानकारी हो. 
यह संपत्ति कर की गणना और भुगतान को सही ढंग से करने में मदद करता है. 
यह संपत्ति के स्वामित्व को कानूनी रूप से स्थापित करता है और किसी भी विवाद से बचाता है. 
यह संपत्ति के बदले लोन लेने या संपत्ति को बेचने में भी मदद करता है । 

साभार गूगल 

चंद्र ग्रहण ( Blood Moon 14 March 2025 )



Lunar Eclipse 2025 -:
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साल का पहला चंद्र ग्रहण आज, ब्लड मून की तरह दिखा चंद्रमा


आज साल का पहला चंद्र ग्रहण भी होली के दिन ही लगा है। यह ग्रहण आज यानी 14 मार्च को सुबह 9 बजकर 29 मिनट पर शुरू होकर दोपहर 3 बजकर 29 मिनट तक रहा। 

खास बात यह है कि इस बार चंद्र ग्रहण के चलते चंद्रमा ब्लड मून की तरह दिखाई दिया। इसका मतलब यह है कि चांद का रंग लाल हो गया।



साल का पहला चंद्र ग्रहण भी होली के दिन ही लगा है।चंद्र ग्रहण के चलते चंद्रमा ब्लड मून की तरह दिखाई देगा।




       आज देशभर में होली की धूम मची है। हर कोई गुलाल के रंग में रंगा दिख रहा है। इस बीच आज साल का पहला चंद्र ग्रहण भी होली के दिन ही लगा है। यह ग्रहण आज यानी 14 मार्च को सुबह 9 बजकर 29 मिनट पर शुरू होकर दोपहर 3 बजकर 29 मिनट तक रहा। ब्लड मून की तरह दिखेगा चंद्रमा...
खास बात यह है कि इस बार चंद्र ग्रहण के चलते चंद्रमा ब्लड मून की तरह दिखाई दिया। इसका मतलब यह है कि चांद का रंग लाल हो गया। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को खास सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है। 


क्या भारत में भी दिखा चंद्र ग्रहण?
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है, लेकिन यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।

हालांकि, धार्मिक मान्यताएं है कि ग्रहण के दौरान भगवान का नाम जपना और भोजन को तुलसी डालकर सुरक्षित रखना शुभ माना जाता है। 
बता दें कि 14 मार्च यानी होली के दिन एक खगोलीय घटना देखने को मिल रही है, क्योंकि ये साल का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण है। आज चंद्रमा लाल हो जाएगा। इसी कारण चंद्रमा को 'ब्लड मून' कहा जाता है।

पूर्ण चंद्र ग्रहण क्या होता है?
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पूर्ण चंद्र ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के ठीक बीच में आ जाती है। इसके चलते चांद लाल या धुंधला दिखाई देता है। यहां जरूरी बात ये है कि पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान, चंद्रमा ओझल नहीं होता, बल्कि केवल लाल रंग का हो जाता है। 

चंद्रग्रहण कब और कहां दिखेगा? 
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ग्रहण अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और अटलांटिक महासागर में रहने वाले लोगों को दिखेगा। भारत में लोग चंद्रग्रहण नहीं देख पाएंगे।


साभार गूगल ( जागरण न्यूज़ )

Thursday, 13 March 2025

पानी और रंग से खराब नही होंगे मोबाइल, मंहगे गैजेट्स -: होली टिप्स

पानी और रंग से नहीं खराब होगा फोन, महंगे गैजेट्स को बचाने के लिए अपनाएं ये टिप्स....


होली रंगों और खुशी का त्योहार है लेकिन ये आपके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के लिए जोखिम भरा हो सकता है। 

पानी रंग और रफ हैंडलिंग स्मार्टफोन्स कैमरों और दूसरे डिवाइसेज को बुरी तरह डैमेज कर सकते हैं। ऐसे में हम यहां आपको कुछ टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें फॉलो करके आप बेफिक्र होली एंजॉय कर सकते हैं। आइए विस्तारपूर्वक जानते हैं......


होली खेलने के दौरान गैजेट्स को प्रोटेक्ट करने का तरीका यहां जानें...... 





 टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। होली रंगों, खुशी और जश्न का त्योहार है। लेकिन अगर आप सावधान न रहे तो ये आपके गैजेट्स के लिए एक बुरा सपना बन सकता है। पानी, रंग और रफ हैंडलिंग आपके स्मार्टफोन्स, लैपटॉप्स, कैमरों और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में हम यहां कुछ जरूरी टिप्स आपको बताने जा रहे हैं, जो होली के दौरान आपके गैजेट्स को प्रोटेक्ट करने में मदद करेंगे।

वाटरप्रूफ पाउच का इस्तेमाल करें -:
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अच्छी क्वालिटी के वॉटरप्रूफ पाउच या जिप-लॉक बैग्स में अपने स्मार्टफोन, पावर बैंक या कोई छोटा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस रखें। ये पाउच पानी और रंग को आपके डिवाइस में घुसने से रोकते हैं।

प्लास्टिक कवर या क्लिंग फिल्म लगाएं अगर आपके पास वॉटरप्रूफ पाउच नहीं है तो अपने फोन को क्लिंग फिल्म या प्लास्टिक कवर से लपेट दें। कवर को किनारों से टाइटली सील करें ताकि नमी अंदर न जा सके।




वाटर-रेसिस्टेंट केस यूज करें -:
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कई ब्रांड्स वाटर-रेसिस्टेंट फोन कवर ऑफर करते हैं, जो एक्स्ट्रा प्रोटेक्शन देते हैं। ये केस आपके डिवाइस को पानी, धूल और रंगों से बचाते हैं, जो होली सेलिब्रेशन के लिए शानदार ऑप्शन हैं।
गैजेट्स को घर पर छोड़ दें


अपने गैजेट्स को प्रोटेक्ट करने का सबसे बढ़िया तरीका है कि उन्हें घर पर ही छोड़ दें। अगर आपको फोन या किसी डिवाइस की जरूरत नहीं है, तो इसे होली पार्टियों में ले जाने से बचें।


पुराना या सेकेंडरी फोन साथ रखें -:
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अगर आपको फोन ले जाना ही है, तो महंगे स्मार्टफोन की जगह पुराना या सेकेंडरी डिवाइस यूज़ करें। इससे अगर कुछ नुकसान भी हो तो बड़ा नुकसान नहीं होगा। 


गीले हाथों से गैजेट्स यूज न करें -: 
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पानी और रंग छोटे-छोटे छेदों से आसानी से डिवाइस में घुस सकते हैं। फोन या किसी गैजेट को यूज करने से पहले अपने हाथों को सुखा लें।

माइक्रोफाइबर क्लॉथ साथ रखें -:
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रंग या पानी के छींटों को तुरंत साफ करने के लिए एक सॉफ्ट माइक्रोफाइबर क्लॉथ साथ रखें। टिश्यू पेपर यूज न करें, क्योंकि ये रेसिड्यू छोड़ सकता है।
सिलिका जेल पैक्स का इस्तेमाल करें

अगर आपका गैजेट थोड़ा गीला हो जाए, तो इसे सिलिका जेल पैक्स के साथ एक बैग में रख दें। ये नमी को सोख लेते हैं और डैमेज को रोकते हैं।
लैपटॉप और कैमरों का ध्यान रखें ।

अगर आप DSLR से फोटो लेने की सोच रहे हैं तो वाटरप्रूफ कैमरा कवर यूज करें। अपने लैपटॉप को सेलिब्रेशन एरिया से दूर रखें जिससे  गलती से कुछ गिरने का खतरा न हो।


इन आसान टिप्स को फॉलो करके आप बिना अपने कीमती गैजेट्स की चिंता किए एक मजेदार होली एंजॉय कर सकते हैं।

साभार गूगल ( दैनिक जागरण )


Sunday, 9 March 2025

बैंक एकाउंट में धनराशि जमा करने की लिमिट और इंकम टैक्स नोटिस... जाने और समझें

बैंक एकाउंट में धनराशि जमा करने की लिमिट और इंकम टैक्स नोटिस 
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बैंक खाते में इस लिमिट से ज्यादा रुपया जमा करने पर घर आएगा इनकम टैक्स का नोटिस, जानिये क्या कहता आयकर का नया नियम....
 

आयकर नियम -:
बैंक अकाउंट में नकदी जमा करते समय रखें सावधानी, नहीं तो भुगतने पड़ सकते हैं गंभीर परिणाम.....


इनकम टैक्स नोटिस से बचें -: 
बैंक खाते में नकद जमा करते समय इन सीमाओं का रखें ध्यान ।




आजकल बैंक खाता होना आम बात है लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयकर विभाग ने सेविंग्स अकाउंट में नकदी जमा करने की एक सीमा तय की है?

अगर आप इस सीमा को पार कर जाते हैं तो आपको इनकम टैक्स नोटिस का सामना करना पड़ सकता है। यहां समझें कि कैसे बैंक में जमा राशि आपके लिए मुसीबत बन सकती है और किन नियमों का पालन करना जरूरी है।



 सीमा से अधिक जमा होने पर क्या होगा?

आयकर नियमों के मुताबिक अगर आपके सेविंग्स अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष के दौरान 10 लाख रुपये से अधिक नकदी जमा होती है या एक ही दिन में किसी एक व्यक्ति से 2 लाख रुपये से ज्यादा की राशि प्राप्त होती है तो विभाग आपसे स्पष्टीकरण मांग सकता है। ऐसी स्थिति में आपको यह साबित करना होगा कि जमा की गई राशि का स्रोत वैध है और उसे आयकर रिटर्न (ITR) में डिक्लेयर किया गया है।



 सबूत न होने पर हो सकती है कानूनी कार्रवाई -:

अगर आप जमा राशि का स्रोत साबित नहीं कर पाते हैं या दस्तावेज़ों में गड़बड़ी पाई जाती है तो आयकर विभाग आपके खिलाफ कानूनी कदम उठा सकता है। इसके तहत आपका बैंक अकाउंट फ्रीज हो सकता है या गंभीर मामलों में जेल तक की सजा हो सकती है। इसलिए, हर लेन-देन का रिकॉर्ड रखना और निम्नलिखित सवालों के जवाब तैयार करना जरूरी है -:

- खाते में जमा राशि किसने दी?

- पैसे जमा करने का उद्देश्य क्या था? (जैसे लोन चुकौती, उपहार, सेवाओं का भुगतान आदि)

- क्या यह राशि आयकर रिटर्न में डिक्लेयर की गई है?

- अगर राशि टैक्सेबल नहीं है, तो उसका सबूत क्या है?



 एक दिन में 2 लाख से ज्यादा जमा करने पर भी सतर्क रहें.....

केवल सालाना लिमिट ही नहीं बल्कि एक ही दिन में एक व्यक्ति से 2 लाख रुपये से अधिक नकदी प्राप्त करने पर भी आयकर विभाग सतर्क हो जाता है। ऐसे ट्रांजैक्शन को कर चोरी का संदेह माना जा सकता है। इसलिए, चाहे राशि छोटी हो या बड़ी, हर नकद लेन-देन का विवरण और स्रोत दस्तावेज़ों में दर्ज करें।

कैसे बचें मुसीबत से?

- बैंक में नकद जमा करते समय लिमिट का ध्यान रखें।

- हर ट्रांजैक्शन का पेमेंट रिसीप्ट या एग्रीमेंट सुरक्षित रखें।

- उपहार या लोन की राशि होने पर गिफ्ट डीड या लोन एग्रीमेंट बनवाएं।

- आयकर रिटर्न में सभी आय और नकदी प्रवाह को सही ढंग से डिक्लेयर करें।



सावधानी बरतकर आप न केवल कानूनी परेशानियों से बच सकते हैं बल्कि वित्तीय लेन-देन को पारदर्शी भी बना सकते हैं। याद रखें, आयकर विभाग की नज़र से बचना मुश्किल है, इसलिए नियमों का पालन करना ही समझदारी है ।
C/P

साभार गूगल



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शिक्षा, समाज और ककहरा की उलझन शिक्षाशास्त्रीय दृष्टिकोण से एक विश्लेषण..

शिक्षक, समाज और ककहरा की उलझन, शिक्षाशास्त्रीय दृष्टिकोण से एक विश्लेषण


"ककहरा सिखाने की अब किस पर लगाए इल्ज़ाम,  
जब गालियों का सबक खुद समाज दे रहा पैगाम।"

शिक्षाशास्त्र के अनुसार, एक बच्चे के सीखने की प्रक्रिया केवल कक्षा तक सीमित नहीं होती। समाज और परिवार भी इस प्रक्रिया के प्रमुख घटक होते हैं। बच्चे जो सीखते हैं, वह उनके सामाजिक परिवेश और पारिवारिक समर्थन पर भी निर्भर करता है। आज हम जिस समस्या का सामना कर रहे हैं, वह केवल शैक्षिक नहीं है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक भी है। समाज और परिवार ने उन बच्चों को ककहरा सिखाने में योगदान दिया होता तो स्थिति कुछ और होती, लेकिन दुर्भाग्यवश वही समाज बच्चों को गाली देने की आदतें सिखा देता है।


आज की शिक्षा व्यवस्था पर बात करते हुए जब बच्चों के ककहरे तक सीमित ज्ञान की बात होती है, समाज और मीडिया अक्सर शिक्षकों को निशाने पर लेते हैं। कई बार आपने सुना होगा कि बड़ी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को ककहरा भी ठीक से नहीं आता। यह स्थिति न केवल शर्मिंदगी का विषय बनती है, बल्कि इसे एक पूरे पेशे की असफलता के रूप में चित्रित किया जाता है। शिक्षकों पर होने वाली इस नकारात्मक आलोचना को समझने से पहले, हमें समाज और परिवेश की भूमिका का भी ध्यान रखना होगा, जो इस मुद्दे को और गंभीर बनाता है।


शिक्षकों को अक्सर यह उम्मीद होती है कि वे केवल शिक्षा के माध्यम से ही बच्चों के व्यक्तित्व को संवारें। इसमें कोई दो राय नहीं है कि प्राथमिक शिक्षा हर बच्चे की नींव होती है, और यदि यहां शिक्षक असफल होते हैं, तो इसका प्रभाव बच्चे के पूरे जीवन पर पड़ता है। परंतु शिक्षकों पर यह दबाव बनाना कि वे हर बच्चे को आदर्श नागरिक बनाएंगे, एक प्रकार से अवास्तविक अपेक्षा है। बड़े कक्षा के बच्चों को ककहरा तक न आना, निश्चित रूप से शिक्षक और शिक्षा तंत्र की कमजोरी को दर्शाता है, लेकिन क्या इसका सारा दोष शिक्षकों पर डालना उचित है?



समाज और मीडिया द्वारा शिक्षकों को असफल ठहराने से पहले हमें उन परिस्थितियों को समझने की जरूरत है, जिनमें शिक्षक काम कर रहे हैं। अगर बच्चों को ककहरा नहीं सिखाया जा सका है, तो इसका मतलब यह नहीं कि शिक्षक असफल हैं। इसका मतलब यह है कि बच्चे अपने समाज और परिवार से उस शिक्षा का समर्थन प्राप्त नहीं कर रहे हैं, जिसकी उन्हें आवश्यकता है।


शिक्षा केवल कक्षा की चार दीवारों तक सीमित नहीं है। बच्चे का सामाजिक परिवेश, घर का माहौल और आसपास का वातावरण भी उसकी शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह देखा गया है कि कई बच्चे जिन्हें ककहरा ठीक से नहीं आता, वे सामाजिक तौर पर अश्लील भाषा और व्यवहार में कुशल होते हैं। यह समाज का ही दायित्व है कि बच्चों को शिक्षा के साथ नैतिक और सुसंस्कृत करने की जिम्मेदारी उठाए। 



जब बच्चा घर से स्कूल आता है, तो वह अपने साथ अपने परिवार और समाज की पूरी पृष्ठभूमि लेकर आता है। यदि परिवार और समाज ने बच्चे को अभद्र भाषा और अनुशासनहीनता सिखाई है, तो यह शिक्षक के लिए और भी कठिन हो जाता है कि वह उसे शिक्षा के आदर्श मार्ग पर लेकर आए। इसके बावजूद, यदि बच्चा ककहरे में असफल हो जाता है, तो उसे केवल शिक्षक की असफलता मानकर प्रचारित किया जाता है, जबकि समाज खुद उसकी नैतिक शिक्षा में बुरी तरह विफल हो चुका होता है।


मीडिया और समाज का एक बड़ा वर्ग इस स्थिति का केवल एकतरफा आकलन करता है। वे उन चुनौतियों को नजरअंदाज कर देते हैं जो शिक्षक झेल रहे होते हैं। शिक्षकों के पास आज के समय में इतने ज्यादा कागजी काम होते हैं कि बच्चों की मूलभूत शिक्षा पर ध्यान देना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, सरकार और प्रशासन की नई-नई नीतियों ने भी शिक्षकों को सीमाओं में जकड़ रखा है। 


मीडिया अक्सर केवल नकारात्मक पहलू दिखाती है। ऐसी रिपोर्ट्स की कमी रहती है, जो यह बताएं कि शिक्षक किन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, और बच्चों के व्यक्तिगत विकास में समाज की क्या भूमिका है। शिक्षकों को हमेशा समाज का मार्गदर्शक माना जाता है, लेकिन अगर समाज खुद अपने मार्ग से भटक चुका हो, तो शिक्षक अकेले क्या कर पाएंगे?


समाधान की दिशा में क्या हो कदम

समस्या का समाधान केवल शिक्षकों को कोसने से नहीं होगा। समाज और शिक्षक के बीच एक सेतु बनाना आवश्यक है, जहां दोनों अपनी जिम्मेदारियों को समझें और बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए काम करें। शिक्षक को भी यह समझना होगा कि केवल पाठ्यक्रम को पूरा करना उनका कार्य नहीं है, बल्कि उन्हें बच्चों के व्यक्तित्व विकास पर भी ध्यान देना चाहिए। वहीं, समाज को यह मानना होगा कि बच्चे की नैतिक और सामाजिक शिक्षा उसकी जिम्मेदारी है, न कि सिर्फ स्कूल की।


मीडिया को भी अपनी भूमिका को सकारात्मक रूप से निभाने की आवश्यकता है। शिक्षकों की समस्याओं और चुनौतियों को उजागर करने के साथ-साथ समाज की भूमिका पर भी प्रश्न उठाए जाने चाहिए। इससे ही सही दिशा में विचार-विमर्श हो सकेगा और शिक्षा तंत्र को सुधारने में मदद मिलेगी।


शिक्षकों को दोष देना आसान है, लेकिन समाज की जिम्मेदारी को अनदेखा करना शिक्षा की वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता। शिक्षकों और समाज के बीच सामंजस्य ही हमें उस दिशा में ले जाएगा, जहां बच्चों की शिक्षा सही मायने में सम्पूर्ण हो।


"तालीम की राह में जब रुकावटें बढ़ती जाती हैं,
शिक्षक की मेहनत समाज में बदनाम हो जाती है।"


✍️  लेखक : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर


परिचय

बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।

शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।


 

विद्यालय में बिना अनुमति प्रवेश एवं उसके वैधानिक परिणाम

विद्यालय में बिना अनुमति प्रवेश एवं उसके वैधानिक परिणाम -: 
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कोई भी बाहरी व्यक्ति, चाहे वह यूट्यूबर, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर या अन्य कोई हो ( ARP,SRG,समन्वयक, विभिन्न संघों से संबंधित नेतागण आदि भी ) किसी विद्यालय में बिना अनुमति प्रवेश नही कर सकते हैं । । ऐसा करना गैरकानूनी है और उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।  


संभावित वैधानिक कार्रवाई
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1. अवैध प्रवेश (Trespassing) -: 
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भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 447 के तहत विद्यालय की संपत्ति पर अनाधिकृत प्रवेश करने पर कानूनी कार्यवाही हो सकती है।  


2. अशांति फैलाने पर -: 
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यदि कोई व्यक्ति विद्यालय के शांति-व्यवस्था को भंग करता है तो उस पर IPC की धारा 188 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा) और धारा 505 (अफवाह फैलाना) लगाई जा सकती है।  


3. छात्रों की सुरक्षा को खतरा -:
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 यदि ऐसे व्यक्ति की गतिविधियाँ छात्रों के मानसिक या शारीरिक सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करती हैं, तो बाल संरक्षण कानून (POCSO Act) के तहत भी कार्रवाई हो सकती है।   



4. वीडियो रिकॉर्डिंग एवं प्रसारण -: 
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यदि कोई व्यक्ति बिना अनुमति के विद्यालय परिसर में वीडियो रिकॉर्ड करता है और उसे प्रसारित करता है, तो यह सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) के तहत दंडनीय अपराध हो सकता है।  


 छात्रों के लिए संभावित खतरे -:
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1. अपरिचित व्यक्ति से सुरक्षा जोखिम -: 
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कोई भी बाहरी व्यक्ति विद्यार्थियों के लिए खतरा हो सकता है, चाहे वह यूट्यूबर ही क्यों न हो।  


2. गोपनीयता का उल्लंघन -: 
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बिना अनुमति के छात्रों की रिकॉर्डिंग करना उनकी निजता का हनन है।  


3. गुमराह करने की संभावना –:
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 सोशल मीडिया पर प्रचार और लाइक्स के लिए गलत सूचना फैलाई जा सकती है, जिससे छात्र भटक सकते हैं।  
4. विद्यालय का अनुशासन भंग होना -:  
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अनधिकृत व्यक्ति विद्यालय की पढ़ाई और शांति व्यवस्था को बाधित कर सकते हैं।  ( विशेष -: विद्यालय से संबंधित स्टॉफ भी यदि अनावश्यक दबाव बनाने के लिए ऐसा करता है तो ऐसा कृत्य अपराध है ।)

विद्यालय एक अध्ययन और अनुशासन का स्थान है। बाहरी व्यक्तियों का बिना अनुमति प्रवेश न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह छात्रों की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है। सभी छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को सतर्क रहना चाहिए और यदि कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत विद्यालय प्रशासन या पुलिस को सूचित करें।सुरक्षित विद्यालय, सुरक्षित भविष्य।

Friday, 7 March 2025

ब्लड कैंसर के लक्षण

ये होता है ब्लड कैंसर का पहला लक्षण? दवा लेकर हजारों लोग कर देते हैं इग्नोर.....



ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मायलोमा ब्लड कैंसर के सबसे आम प्रकारों में से एक हैं । एमपीएन और एमडीएस नाम के प्रकार हैं । ब्लड कैंसर की कोशिकाओं के अंदर डीएनए में चेंजेज होने लगते हैं ।

Blood cancer symptoms vary by type of cancer and stage of disease 



ब्लड कैंसर के लक्षण -:
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ब्लड कैंसर एक तरह का कैंसर है जो आपके ब्लड कोशिकाओं को काफी ज्यादा प्रभावित करता है । ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मायलोमा ब्लड कैंसर के सबसे आम प्रकारों में से एक हैं. एमपीएन और एमडीएस नाम के प्रकार हैं । ब्लड कैंसर की कोशिकाओं के अंदर डीएनए में चेंजेज होने लगते हैं. इसके कारण अलग ही तरह के रिएक्ट करना शुरू कर देती है । यू.के. में हर साल लगभग 40 हजार लोगों का ब्लड कैंसर का इलाज होता है । वहीं लगभग 2 लाख 80 हजार लोग ब्लड कैंसर से पीड़ित हैं । 




ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण -: 
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38 डिग्री सेल्सियस या उससे ज़्यादा बुखार जो बिना किसी कारण के हो रक्त कैंसर का लक्षण हो सकता है । ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण ठंड लगना, थकान, कमज़ोरी हड्डियों और जोड़ों में दर्द वज़न घटना लिम्फ नोड्स, लिवर या प्लीहा में सूजन बिना किसी कारण के चोट लगना या खून बहना बिना किसी कारण के त्वचा पर दाने या खुजली होना सांस लेने में तकलीफ रात में भीगना ।


ब्लड कैंसर जेनेटिक, बढ़ती उम्र, स्मोकिंग, कीमोथैरिपी या एड्स की वजह से हो सकता  है । इससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. यही कारण है कि इसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे ब्लड कैंसर का रिस्क कम किया जा सकता है ।

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ब्लड कैंसर, किसी भी उम्र में हो सकता है. इसके तीन प्रकार हैं । लिम्फोमा, ल्यूकेमिया और माइलोमा. ज्यादातर मामलों में ब्लड कैंसर अनुवांशिक कारणों से होता है लेकिन, ब्लड कैंसर दुर्लभ नहीं है । अगर समय पर इसकी पहचान की जाए तो इसका इलाज संभव हो सकता है ।

ल्यूकेमिया को लगभग हमेशा घातक माना जाता था लेकिन कीमोथेरेपी, नए टार्गेटेड ट्रीटमेंट,बोन मैरो ट्रांसप्लांट  और यहां तक ​​कि CAR-T सेल थेरेपी के जरिये इस बीमारी कर सर्वाइवल रेट में इजाफा हुआ है. सही समय पर निदान और इलाज से रोगी के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, और बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसी तकनीकें मददगार साबित होती हैं ।

केवल कीमोथेरेपी ही इलाज है -:
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कीमोथेरेपी एक मुख्य उपचार है, लेकिन इसके अलावा भी कई अन्य विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे कि टार्गेटेड थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, और बोन मैरो ट्रांसप्लांट. डॉक्टर रोगी की स्थिति और कैंसर के प्रकार के आधार पर इलाज का चुनाव करते हैं । हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, हर तरह का ब्लड कैंसर जानलेवा नहीं होता है । कुछ मरीजों में तब तक इलाज की आवश्यकता नहीं पड़ती है, जब तक उनमें कैंसर के लक्षण नजर न आए ।



आमतौर पर ब्लड कैंसर के लक्षण में थकान, अचानक से वजन कम होना और हिमोग्लोबिन या प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है । एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ब्लड कैंसर के लक्षणों की सही समय पर पहचान हो जाए तो मरीज ठीक हो सकता है । हर व्यक्ति के इलाज के दौरान होने वाले साइड इफेक्ट्स अलग-अलग हो सकते हैं, और डॉक्टर इन्हें कम करने के लिए कई उपाय करते हैं ।

आजकल के आधुनिक इलाज के कारण साइड इफेक्ट्स को प्रबंधित करने के बेहतर तरीके उपलब्ध हैं । ब्लड कैंसर के कई प्रकार होते हैं, और हर प्रकार की गंभीरता अलग होती है । आजकल, शुरुआती चरण में एडवांस ट्रीटमेंट के चलते कई रोगी पूरी तरह ठीक हो जाते हैं या लंबी और स्वस्थ जिंदगी जी सकते हैं ।

साभार गूगल ( abplive.com )

Disclaimer -:  खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें ।

Thursday, 6 March 2025

शतरंज के मोहरे

व्यापारी, खिलाड़ी और मोहरे 

एक समय की बात है, विश्व राजनीति के विशाल शतरंज पर एक बड़ा खेल खेला जा रहा था। खेल के दो मुख्य खिलाड़ी थे—अमेरिगुल्ला और रूसानाथ। ये दोनों पुराने प्रतिद्वंद्वी थे, जिनकी दुश्मनी इतिहास की धूल से सनी हुई थी। खेल के मोहरे थे छोटे-छोटे देश, और सबसे नया मोहरा बना यूक्रानंद।  

यूक्रानंद एक युवा, जोशीला मोहरा था। उसे हमेशा लगता था कि वह अपनी ताकत से बड़ा बन सकता है, बशर्ते कि उसे सही गुरु मिले। उसकी नजरें अमेरिगुल्ला पर थीं, जो दूर बैठा दुनिया के छोटे मोहरों को पासा फेंककर चलाने में माहिर था।  


अमेरिगुल्ला ने यूक्रानंद से कहा—
"देखो बेटे, तुम स्वतंत्र हो, महान हो! लेकिन अगर तुम मेरी तरह बनना चाहते हो, तो मेरी टीम में आ जाओ। नाटोपुर का सदस्य बनो, अपने देश में मेरी बनाई नीतियाँ लागू करो, और रूसानाथ से दूर रहो। वैसे भी रूसानाथ पुरानी सोच का आदमी है, वह तुम्हें आगे बढ़ने नहीं देगा।"

यूक्रानंद को यह विचार बहुत पसंद आया। उसने झटपट हामी भर दी और अमेरिगुल्ला के दिए हुए नारे लगाने लगा—"मुझे भी सुपरपावर बनना है!"

अब रूसानाथ तो पड़ोसी था, उसे यह बिल्कुल भी पसंद नहीं आया कि उसका मोहरा (या पड़ोसी) किसी और के पाले में चला जाए। उसने कई बार समझाया—  
"बेटे, हम तो बरसों से साथ रह रहे हैं। व्यापार करते हैं, संस्कृति साझा करते हैं। तू क्यों दूर जा रहा है?"

लेकिन यूक्रानंद अब अमेरिगुल्ला की बातें सुनने लगा था। उसकी आँखों में चमकते हथियारों और दौलत के सपने थे।  

फिर एक दिन खेल शुरू हो गया।

रूसानाथ ने यूक्रानंद पर धावा बोल दिया। अमेरिगुल्ला ने तालियाँ बजाईं, भाषण दिए, और अपनी जेब से हथियार निकालकर यूक्रानंद को पकड़ाए। साथ ही, उसने अपना पुराना पैंतरा आज़माया—"रूसानाथ पर प्रतिबंध लगा दो!"  

लेकिन रूसानाथ घाघ खिलाड़ी था। उसने प्रतिबंधों को ठेंगा दिखाया और चीनपुर के बाजार में जाकर धंधा जमा लिया। उधर, अमेरिगुल्ला के हथियार तो आते रहे, लेकिन यूक्रानंद को यह समझ नहीं आ रहा था कि उसके सैनिक कब तक लड़ते रहेंगे? उसका घर जल रहा था, जनता पलायन कर रही थी, और अर्थव्यवस्था का हाल ऐसा था कि डॉलर देखकर भी भूख नहीं मिटती थी।  

तब अचानक अमेरिगुल्ला ने अपना रुख बदला। 

"यूक्रानंद, अब बहुत हुआ। युद्ध खत्म करो, शांति से बैठो।"  

यूक्रानंद चौंका—"लेकिन मालिक, आपने तो कहा था कि हम रूसानाथ को हरा देंगे?"

अमेरिगुल्ला मुस्कुराया—"बेटे, व्यापार में नुकसान की भरपाई करनी पड़ती है। अब चुनाव नज़दीक हैं, और जनता मुझसे पूछ रही है कि हमने इतने हथियार बेचे फिर भी क्यों कुछ नहीं बदला? अब अगर युद्ध खत्म होगा, तो मैं शांति-दूत बन जाऊँगा और मेरे वोट भी बढ़ेंगे।" 

यूक्रानंद समझ गया कि वह सिर्फ एक मोहरा था। उसकी ज़मीन बर्बाद हो गई, उसकी जनता उजड़ गई, और अंत में उसे ही डांट पड़ रही थी। 

रूसानाथ तो अपने पुराने ठिकाने पर मज़े से बैठा था। अमेरिगुल्ला ने खूब हथियार बेचे, दुनिया में चर्चा बटोरी, और अब शांति का मसीहा बनने चला था। लेकिन यूक्रानंद… वह अब भी खंडहरों के बीच खड़ा था, सोच रहा था—"क्या मैं सही था?" 

लेकिन राजनीति में मोहरों की सोच मायने नहीं रखती। खिलाड़ी खेलते हैं, व्यापारी मुनाफा कमाते हैं… और मोहरे? वे सिर्फ बलि चढ़ाए जाते हैं।
लेखक -: प्रवीण त्रिवेदी 'दुनाली फतेहपुरी"
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चेक ( Cheque ) के प्रकार


चेक (Cheque) के प्रकार हिंदी में -:



1. Bearer Cheque (धारक चेक) – जो कोई भी इस चेक को प्रस्तुत करता है, उसे भुगतान मिल जाता है।

2. Order Cheque (आदेश चेक) – इसमें धारक के स्थान पर किसी विशिष्ट व्यक्ति का नाम लिखा होता है।

3. Crossed Cheque (क्रॉस चेक) – इस चेक पर दो समानांतर रेखाएं होती हैं, और यह केवल बैंक खाते में जमा किया जा सकता है।

4. Account Payee Cheque (खाता धारक चेक) – इस चेक पर “A/C Payee” लिखा होता है और यह केवल प्राप्तकर्ता के खाते में जमा किया जाता है।

5. Post Dated Cheque (भविष्य दिनांकित चेक) – ऐसा चेक जिसकी तारीख भविष्य की होती है।

6. Stale Cheque (अवधिपार चेक) – जारी होने की तारीख से 3 महीने बाद का चेक जिसे बैंक स्वीकार नहीं करता।

7. Self Cheque (स्वयं चेक) – जब चेक जारीकर्ता स्वयं अपने खाते से नकद निकालने के लिए चेक लिखता है।

8. Blank Cheque (रिक्त चेक) – जिस पर केवल हस्ताक्षर होते हैं, लेकिन राशि नहीं भरी होती।

9. Cancelled Cheque (रद्द किया गया चेक) – इस पर दो रेखाएं खींचकर "CANCELLED" लिखा होता है, इसका उपयोग केवल प्रमाण के रूप में किया जाता है।

10. Traveler’s Cheque (यात्रा चेक) – यात्राओं के दौरान सुरक्षित लेनदेन के लिए उपयोग किया जाता है।

Sunday, 2 March 2025

महिलाओं में होने वाली खतरनाक बीमारियॉं एवं बचाव ( International Womens Day Special Article )

International Womens Day Special Artical - महिलाओं में होने वाली खतरनाक बीमारियां और बचाव...


बीमारियां कभी पुरुष या महिलाओं में अंतर नहीं करती हैं लेकिन कुछ बीमारियां महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक और जानलेवा होती हैं ।अगर इनकी जानकारी न हो या इनके लक्षणों को इग्नोर किया जाए तो गंभीर हो सकती हैं। 



 महिलाओं में होने वाली सबसे खतरनाक और जानलेवा बीमारियों के बारे में आप पढ़ेगें साथ ही कैसे  करें बचाव इस बारे में जानकारी भी प्राप्त करेंगे कि
महिलाओं में कौन सी बीमारी ज्यादा होती हैं ।


 आगामी 8 मार्च को महिला दिवस है । आज के समय में भी  महिलाएं कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से जूझ रही हैं  दरअसल पुरुषों की तुलना में महिलाएं  फिजिकली  नाजुक होती हैं ।जिसकी वजह से अक्सर बीमारियों से भी घिरी रहती हैं । उनकी इम्यूनिटी कमजोर होने से अलग-अलग बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं । भागदौड़ भरी जिंदगी, बिगड़ती लाइफस्टाइल और खराब खानपान की वजह से कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है ।


महिलाएं घर-परिवार और बाहर की जिम्मेदारियों की वजह से सही तरह अपना ख्याल नहीं रख पा रही हैं. जिससे उनके लिए जोखिम भी बढ़ गए हैं । ऐसे में चलिए जानते हैं महिलाओं में होने वाली कुछ खतरनाक और जानलेवा बीमारियों और उनसे बचाव के बारें में...

1. ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer)

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ब्रेस्ट यानी स्तन कैंसर महिलाओं को होने वाला सबसे कॉमन कैंसर है । आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर चौथे मिनट एक महिला इस कैंसर की शिकार बनती है और हर 8वें मिनट में एक महिला की मौत इससे हो जाती है ।

कैसे बचें -: 
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नियमित तौर पर जांच कराने के लिए मैमोग्राफी कराएं ।

हेल्दी डाइट रखें ।

नियमित एक्सरसाइज करें ।

शराब-सिगरेट से दूरी बनाएं ।

2. सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) 
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दुनिया में हर दो मिनट में एक महिला की सर्वाइकल कैंसर से जान चली जा रही है । ब्रेस्ट कैंसर के बाद भारत में यह महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे खतरनाक कैंसर है । सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय (Uterine) के मुंह का कैंसर है, जो Human Papillomavirus से फैलता है ।

कैसे बचें -:
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एचपीवी वैक्सीन लगवाएं ।

नियमित तौर पर जांच करवाएं ।

सुरक्षित यौन संबंध से बचें ।

धूम्रपान न करें ।

हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज करें ।

3. गर्भाशय कैंसर (Uterine Cancer) 
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गर्भाशय कैंसर महिलाओं में होने वाली एक और खतरनाक बीमारी है. इसके लक्षणों में पेल्विक पेन, पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग, मोनोपॉज के बाद भी खून निकलना, यूरिन या सेक्स के दौरान असहनीय दर्द हो सकता है ।

कैसे बचें -: 
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नियमित तौर पर जांच कराएं ।

स्वस्थ आहार लें और नियमित एक्सरसाइज करें ।

धूम्रपान और शराब का 
सेवन न करें ।

4. PCOS या PCOD 
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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज (PCOD) महिलाओं में होने वाली एक और खतरनाक बीमारी है. ये हार्मोनल डिसऑर्डर हैं, जो ओवरी में सिस्ट के कारण होता है । इसकी वजह से हार्मोनल असंतुलन होता है और पीरियड्स में परेशानी होती है ।

कैसे बचें -: 
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ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन डाइट में शामिल करें ।

दिन में कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें ।

वजन बढ़ने न दें ।

तनाव से बचें ।

समस्या होने पर डॉक्टर से मिलें ।

5. हार्ट डिजीज (Heart Disease)
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पुरुषों की तुलना में महिलाओं में लगातार दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं । डॉक्टर्स का कहना है कि महिलाओं पिछले करीब 5 साल में 10% का इजाफा देखा गया है. इसमें सबसे ज्यादा हाई क्लास महिलाएं बिजनेस वुमन और प्रोफेशनल्स हैं । इसका मुख्य कारण बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेना है ।

कैसे बचें -: 
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ज्यादा तनाव न लें ।

फिजिकल एक्टिविटीज जरूर करें.

हर दिन योग, मेडिटेशन, एक्सरसाइज करें

हेल्दी खाना खाएं ।

शराब-सिगरेट से बचें ।

हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करें ।

6. डायबिटीज (Diabetes)
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डायबिटीज एक ऐसी क्रोनिक बीमारी है, जो पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकती है । इसका असर ओवरऑल हेल्थ पर देखने को मिलता है । यह साइलेंट किलर की तरह है, जो शरीर को धीरे-धीरे कमजोर बनाता है । इसमें जान जाने का खतरा भी रहता है ।डायबिटीज महिलाओं को हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है ।

कैसे बचें-: 
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खानपान बेहतर बनाएं ।

शुगर लेवल कंट्रोल रखें ।

रोजाना एक्सरसाइज करें ।

शराब-सिगरेट न पिएं ।

नियमित तौर पर शुगर लेवल की जांच कराएं ।

7. ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)
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इंडियन जर्नल ऑफ एंडोक्राइनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार, 50 साल से ज्यादा 24.6% पुरुष और 42.5% महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस से परेशान हैं । इसमें हडि्डयां  कमजोर हो जाती है ।  हडि्डयों को बचाने वाला हार्मोन एस्ट्रोजेन मोनोपॉज के बाद से तेजी से कम होने लगता है, जो खतरनाक हो सकता है ।

कैसे बचें -: 
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दूध वाली चीजों को खाएं ।

कैल्शियम से भरपूर फल खाएं ।

विटामिन डी जरूर लें । इसके लिए कुछ देर धूप में बैठें ।

C/P  (ABP news.com) 

Disclaimer: गूगल द्वारा प्राप्त यहां उपलब्ध सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है । यहां यह बताना जरूरी है कि उक्त लेख किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नही करता है ।  किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य प्राप्त करें।

Saturday, 1 March 2025

TDS Form 26 AS देखने की प्रक्रिया

Form 26AS देखने की प्रक्रिया
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आप आयकर विभाग की ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से Form 26AS देख सकते हैं। इसके लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें -:





1. आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाएं

➡ https://www.incometax.gov.in/ पर जाएं।

2. लॉगिन करें

➡ अपना PAN, पासवर्ड और कैप्चा दर्ज करके Login करें।

3. e-File सेक्शन में जाएं

➡ "e-File" मेनू में जाएं।
➡ "Income Tax Returns" पर क्लिक करें।
➡ "View Form 26AS" विकल्प चुनें।

4. TRACES वेबसाइट पर रीडायरेक्ट होगा

➡ एक पॉप-अप खुलेगा, उसमें "Confirm" पर क्लिक करें।

5. Form 26AS देखें या डाउनलोड करें

➡ उपयुक्त Assessment Year चुनें।
➡ "View as HTML" पर क्लिक करके ऑनलाइन देखें।
➡ यदि PDF डाउनलोड करना चाहते हैं, तो "Export as PDF" विकल्प चुनें।

अब आप अपने Form 26AS को देख और डाउनलोड कर सकते हैं।