Wednesday, 30 April 2025

मोबाइल स्पीकर केयर टिप्स

फोन जब नया आता है तो उसका स्पीकर भी एक दम चकाचक रहता है । लेकिन कुछ महीनों बाद उसका साउंड कम होने लगता है । कुछ लोगों को लगता है अरे पानी गिर गया होगा, अरे डस्ट चला गया होगा ।आप गलत नहीं सोच रहे डस्ट, पानी से भी फोन जल्दी खराब हो जाते हैं । धूल-मिट्टी से फोन के स्पीकर्स जल्दी से खराब हो जाते हैं, फिर अपने फेवरेट सॉन्ग्स, मूवी देखना का मजा किरकिरा हो जाता है। चलिए जानते हैं कुछ ट्रिक्स जिसके बाद आपके फोन का स्पीकर एकदम चकाचक हो जाएगा और ये काम आपको घर बैठे ही करना है ।

सफाई से पहले इन बातों का दें ध्यान
कोई भी सफाई का तरीका अपनाने से पहले अपने फोन को स्विच ऑफ कर दें ।
स्पीकर ग्रिल पर सीधे किसी भी तरह का लिक्विड (पानी, थिनर, अल्कोहल) डालने से बचें, इससे फोन के अंदरूनी पार्ट्स खराब हो सकते हैं ।
नुकीली चीजों (पिन, सुई) का इस्तेमाल स्पीकर ग्रिल में करने से बचें, इससे स्पीकर का पर्दा फट सकता है ।
स्पीकर साफ करने के सुरक्षित तरीके
सॉफ्ट ब्रिसल वाला ब्रश यूज करें
एक साफ और सूखा, मुलायम ब्रिसल वाला टूथब्रश या कोई छोटा पेंट ब्रश लें ।इससे स्पीकर ग्रिल पर हल्के हाथों से ब्रश करें । ब्रश के रेशे ग्रिल में फंसी धूल और गंदगी को बाहर निकालने में मदद करें ध्यान रखें कि ब्रश बिल्कुल सूखा हो ।

कंप्रेस्ड एयर (Compressed Air)


इलेक्ट्रॉनिक्स साफ करने के लिए कंप्रेस्ड एयर कैन एक बेहतरीन टूल है ।इसे स्पीकर ग्रिल से थोड़ी दूरी पर रखकर छोटे-छोटे बर्स्ट में हवा स्प्रे करें । इससे अंदर फंसी धूल बाहर निकल जाएगी ।कैन को बहुत पास न लाएं और सीधा रखें ।
 
फोन के स्पीकर से आवाज आनी हो गई है कम? इन आसान ट्रिक्स से करें क्लीन और बूस्ट ।




 

बाजार में खास इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए डिजाइन की गई क्लीनिंग पुट्टी या स्लाइम मिलती है । इसे स्पीकर ग्रिल पर हल्के से दबाएं और फिर उठा लें । यह चिपचिपा पदार्थ धूल और गंदगी को अपने साथ चिपका कर बाहर निकाल लेता है ।

ईयर क्लीनिंग बड्स (सावधानी से)
आप सूखे ईयरबड्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं ।इसे स्पीकर ग्रिल पर बहुत हल्के हाथों से घुमाएं । ध्यान रहे कि रुई का रेशा अंदर न फंस जाए और ज्यादा दबाव न डालें. गीले बड्स का इस्तेमाल न करें ।
थिनर का प्रयोग (अत्यधिक सावधानी के साथ - अंतिम उपाय)

अगर ऊपर दिए गए तरीकों से बात न बने और आप यह तरीका आजमाना चाहें तो बहुत सावधानी बरतें । एक ईयरबड या रुई के फाहे पर सिर्फ एक बूंद थिनर लगाएं (इतना कम कि वो टपके नहीं) अब इस हल्के नम बड से स्पीकर ग्रिल को बाहर से अत्यंत हल्के हाथ से साफ करें  सुनिश्चित करें कि कोई भी तरल पदार्थ स्पीकर के अंदर न जाए । यह तरीका रिस्की हो सकता है, इसलिए इसे अंतिम उपाय के तौर पर ही और अपनी जिम्मेदारी पर ही आजमाएं ।

स्पेशलाइज्ड क्लीनिंग किट्स
बाजार में स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक्स की सफाई के लिए खास किट्स उपलब्ध हैं (जैसे कि आपने Portronics 8-in-1 का जिक्र किया) इनमें अक्सर ब्रश, एयर ब्लोअर, माइक्रोफाइबर क्लॉथ और अन्य सुरक्षित टूल्स होते हैं जो स्पीकर, पोर्ट्स, कैमरा लेंस आदि साफ करने में मदद करते हैं ।

अगर आवाज फिर भी ठीक न हो?
अगर इन तरीकों को आजमाने के बाद भी आपके फोन के स्पीकर की आवाज ठीक नहीं होती है, तो हो सकता है कि कोई हार्डवेयर समस्या हो । ऐसे में बेहतर होगा कि आप किसी प्रोफेशनल मोबाइल रिपेयर शॉप या ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर पर फोन दिखाएं । इन आसान टिप्स को अपनाकर आप अपने स्मार्टफोन के स्पीकर को साफ रख सकते हैं और बेहतरीन साउंड क्वालिटी का आनंद ले सकते हैं ।



Sunday, 27 April 2025

तन्हाई में शाम गुजरना ठीक नही

#ग़ज़ल 

तन्हाई में शाम गुजरना ठीक नही।
महफ़िल में भी दर्द उभरना ठीक नही।

सच्चे वादे मजबूती हैं रिश्तों की ,
करके वादा रोज मुकरना ठीक नही।

हिम्मत से हालात बदलते देखा है, 
कैसी भी मुश्किल हो डरना ठीक नही ।

तेरे आने की राहें देखी हमने,
उम्मीदों का रोज बिखरना ठीक नही ।

सीधे सच्चे लोग तमाशा बन जाते,
हमदर्दी के दौर गुजरना ठीक नही ।

नाजुक दिल ये पत्थर इसको मत समझो,
मत उलझो जज्बातों से वरना ठीक नही ।

कहलाना इंसान हमारा भी हक़ है,
खोकर के सम्मान बिखरना ठीक नही ।
Nirupama Mishra 

#तन्हाई #महफिल #ग़ज़ल #वादे #उम्मीद #हमदर्दी #जज्बात #हक़

Sunday, 6 April 2025

एयर कंडीशनर या पंखे की हवा से शरीर में दर्द एवं उपाय

एसी (एयर कंडीशनर) या पंखे के कारण अंगों में दर्द कुछ कारणों से हो सकता है और इसके लिए कुछ उपाय भी हैं।

अंग दर्द के कारण
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 ठंडी हवा के सीधे संपर्क में आना-: 
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यदि एसी या पंखे से आने वाली हवा सीधे आपके शरीर पर आती है, तो आपकी मांसपेशियां सिकुड़ सकती हैं। इससे मांसपेशियों में तनाव पैदा होता है और वे दर्द करने लगती हैं। गर्दन, पीठ और कंधों की मांसपेशियां विशेष रूप से जल्दी प्रभावित होती हैं।



 शरीर के तापमान में अचानक परिवर्तन-:
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 अचानक एसी वाले ठंडे वातावरण से गर्म वातावरण में जाने या इसके विपरीत, शरीर पर तनाव पैदा होता है। तापमान में परिवर्तन के कारण रक्त वाहिकाओं में अचानक परिवर्तन होता है, जिसके कारण मांसपेशियों को पर्याप्त रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती और वे दर्द करने लगती हैं।

 निर्जलीकरण-:
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एसी की हवा शरीर में नमी को कम कर देती है, जिससे निर्जलीकरण हो सकता है। निर्जलीकरण से मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द हो सकता है। पंखे से निकलने वाली हवा के कारण शरीर में मौजूद पानी भी तेजी से वाष्पित हो जाता है।

 अनुचित स्थिति में सोना-:
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 यदि आप ठंड के मौसम में एसी या पंखा चालू करके गलत स्थिति में सोते हैं, तो इससे मांसपेशियों पर अत्यधिक दबाव पड़ सकता है और दर्द हो सकता है।

 पुरानी बीमारियाँ -:
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यदि आपको पहले से ही गठिया या मांसपेशियों में दर्द है तो ठंडी हवा के संपर्क में आने से यह बढ़ सकता है।

 एलर्जी-:
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 कभी-कभी एसी फिल्टर में धूल या अन्य एलर्जी पैदा करने वाले तत्व श्वसन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं और शरीर में एक प्रकार की थकान और दर्द पैदा कर सकते हैं।

अंग दर्द के उपाय
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 सीधी हवा से बचें-:
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 सुनिश्चित करें कि एसी या पंखे से आने वाली हवा सीधे आपके शरीर पर न आए। एसी वेंट्स को दूसरी ओर घुमाएं या पंखे की दिशा बदलें।

 तापमान धीरे-धीरे बदलें-:
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 ठंडे वातावरण से गर्म वातावरण में या इसके विपरीत जाते समय अपने शरीर को धीरे-धीरे समायोजित होने दें। तापमान को तुरंत न बदलें।

 शरीर को पर्याप्त नमी प्रदान करें -: 
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दिन भर पर्याप्त पानी पिएं। इससे निर्जलीकरण को रोका जा सकेगा और मांसपेशियों का समुचित कार्य सुनिश्चित होगा।

 गर्म कपड़े पहनें -:
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 ठंड से बचने के लिए एसी में रहते समय हल्के, गर्म कपड़े पहनें।

 गर्म पानी का शेक -:
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यदि आपके शरीर में दर्द हो रहा है, तो गर्म पानी का शेक लें। इससे मांसपेशियों को आराम मिलेगा।

 हल्का व्यायाम -:
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हल्का व्यायाम मांसपेशियों में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है और दर्द को कम कर सकता है।

 मालिश-: 
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दर्द वाले क्षेत्र पर धीरे-धीरे मालिश करने से राहत मिलती है। आप गरम तेल का उपयोग कर सकते हैं ।

 सही स्थिति में सोएं -: 
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ऐसी स्थिति में सोएं जिससे सोते समय आपके शरीर को आराम मिले। अपनी गर्दन और पीठ को सहारा देने के लिए अच्छे तकिये का प्रयोग करें।

 एसी फिल्टर को साफ रखें -:
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 धूल और एलर्जी को दूर रखने के लिए एसी फिल्टर को नियमित रूप से साफ करें।
 





Tuesday, 1 April 2025

सहजन ( मोरिंगा ) की सब्जी रेसिपी

सहजन की सब्जी रेसिपी 👇 👇 👇 
सहजन (Drumstick) एक पोषण से भरपूर सब्जी है, जिसे कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन C, आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

1. हड्डियों को मजबूत बनाता है – सहजन में कैल्शियम और फॉस्फोरस अधिक होता है, जो हड्डियों को मजबूत करता है और ऑर्थराइटिस में फायदेमंद होता है।

2. पाचन सुधारता है – इसमें फाइबर अधिक होता है, जिससे पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है और कब्ज की समस्या दूर होती है।

3. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है – विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर सहजन संक्रमण से बचाने में मदद करता है।

4. ब्लड शुगर नियंत्रित करता है – यह डायबिटीज रोगियों के लिए लाभदायक माना जाता है, क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखता है।

5. दिल की सेहत के लिए अच्छा – सहजन कोलेस्ट्रॉल कम करता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है।

👉इसका नियमित सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

सहजन की सब्जी बनाने की रेसिपी इस प्रकार है:
सामग्री:-👇👇
सहजन (मोरिंगा) के पत्ते - 100 ग्राम 
सहजन की फली (कटे हुए) - 500 ग्राम 
प्याज (बारीक कटा हुआ) - 2
टमाटर (बारीक कटा हुआ) - 2
हरी मिर्च (कटी हुई) - 2
अदरक-लहसुन का पेस्ट - 2 चम्मच
हल्दी पाउडर - 1/2 चम्मच
लाल मिर्च पाउडर - 1 चम्मच
जीरा - 1/2 चम्मच
सूखा लाल मिर्च 2
हींग 1 चुटकी 
तेल - 4 चमच
नमक - स्वाद अनुसार




विधि:-👇👇
👉 सबसे पहले सहजन की फली को धोकर छील लें और छोटे टुकड़ों में काट लें।

👉एक कढ़ाई में तेल गरम करें, उसमें जीरा, हींग और लाल मिर्च डालकर तड़कने दें।

👉अब इसमें बारीक कटा हुआ प्याज और हरी मिर्च डालें और हल्का भूरा होने तक भूनें।

👉इसके बाद अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें, और कुछ सेकंड तक भूनें।

👉अब टमाटर, स्वादानुसार नमक,हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर,गरम मसाला पाउडर और लाल मिर्च पाउडर डालें। टमाटर को नरम होने तक पकने दें।

👉फिर सहजन की फली और पत्ते डालें, साथ ही नमक डालकर अच्छे से मिलाएं।

👉1/2 कप पानी डालें और ढककर 10-15 मिनट तक पकने दें, ताकि सहजन की फली नरम हो जाए।

👉सहजन की सब्जी को रोटी, पराठा या चावल के साथ सर्व करें।