Posts

Showing posts from July, 2025

नाग पंचमी 2025

Image
🐍नागपंचमी 2025 पर विशेष   सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन 12 प्रमुख नागों की पूजा की जाती है जो कि सभी शिवजी के गण हैं। इनमें से भी 8 नाग प्रमुख हैं। इस बार नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई 2025 मंगलवार को मनाया जाएगा। अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्। शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥ एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्। सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः। तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥   मन्त्र अर्थ- नौ नाग देवताओं के नाम अनन्त, वासुकी, शेष, पद्मनाभ, कम्बल, शङ्खपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक तथा कालिया हैं। यदि प्रातःकाल नियमित रूप से इनका जप किया जाता है, तो नाग देवता आपको समस्त पापों से सुरक्षित रखेंगे तथा आपको जीवन में विजयी बनाएंगे।   शेष नाग:- इन नागों में सबसे बड़ा शेष नाग है जो कि श्रीहरि विष्‍णु की सेवा में रहते हैं। राम के भाई लक्ष्मण और श्रीकृष्ण के भाई बलराम दोनों ही शेषनाग के अवतार थे। इसके बाद वासुकि नाग का नाम आता है जो कि भगवान शिव की सेवा में लगे रहते हैं, और जिनकी बहन का नाम मनसा देवी है।...

लीवर नहीं रहेगा फैटी और बॉडी भी होगी डिटॉक्स..... जानिए कैसे ?

Image
न लिवर रहेगा फैटी और बॉडी भी होगी डिटॉक्स, बस रुटीन में लानी होंगी डॉक्टर की बताईं ये 3 आदतें लिवर हमें शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों मे से एक है, लेकिन हम इस पर ज्यादा ध्यान तब तक नहीं देते, जब तक हमें कोई बड़ी समस्या नहीं दिखती है. आइए आपको बताते हैं कि लिवर को कैसे सुरक्षित रखा जाए? हममें से ज्यादातर लोग लिवर के बारे में तब सोचते हैं जब इसमें कोई समस्या आ जाती है. जबकि यह हमारे शरीर का सबसे मेहनती अंग है. लिवर पाचन को दुरुस्त रखता है, खाने-पीने की चीजों को प्रोसेस करता है और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है. आयुर्वेद में लिवर को और भी खास माना गया है. इसे रक्तवाह स्रोत से जोड़ा गया है, यानी यह न सिर्फ खून और पित्त के प्रवाह को नियंत्रित करता है, बल्कि इसका असंतुलन दिल, फेफड़े और पेट समेत कई अंगों को प्रभावित कर सकता है. AVP रिसर्च फाउंडेशन के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर डॉ. सोमित कुमार के अनुसार, लिवर को स्वस्थ रखने के लिए बड़े बदलाव नहीं, बल्कि जीवन में छोटे-छोटे बदलाव जरूरी हैं. आयुर्वेद के अनुसार, लिवर का सीधा संबंध पित्त दोष से है, जो शरीर में गर्मी और पाचन को नियंत्रित करता है. ज्य...

बरसात के मौसम में खाइए काकोरा की सब्जी

Image
बरसात है तो ककोरा की सब्ज़ी खायें ककोरा की सब्जी  बरसात के मौसम में आती है औऱ यह जंगली सब्ज़ी  है,खुद पैदा होती है।इसकी खेती नहीं होती न खेती की जा सकती है।  इस कांटेदार दिखने वाली सब्जी को लोग आम बोलचाल की भाषा में ककोरा, कंटोला या ककोड़ा के नाम से जानते हैं. ककोरा की सब्जी को औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है और ये कई सेहत संबंधी समस्याओं को दूर करने में कारगर है. इस सब्जी को खाने के अलावा औषधी की तरह नुस्खों में भी इस्तेमाल किया जाता है. ककोरा को गुणों की खान माना गया है।  इसके न्यूट्रिएंट्स की बात करें तो इसमें प्रोटीन, विटामिन ए, सी, के, बी-1, बी-2, बी-3, बी-5, बी-6, विटामिन डी, और जिंक, कॉपर समेत कई पोषक तत्व पाए जाते हैं.  ककोरा की सब्जी लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली सब्जी है इसलिए यह उन डायबिटिक लोगों के लिए फायदेमंद है, जिनका ब्लड शुगर हाई हो जाता है. इसके अलावा बीपी कंट्रोल करने में भी ककोरा की सब्जी कारगर मानी गई है. आज के वक्त में बच्चों से लेकर यंगस्टर्स और व्यस्क लोग भी बड़ी संख्या में मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं. यह एक लो कैलोरी सब्...

प्रकृति का चमत्कार.. अमरबेल लता

Image
अमरबेल अमर बेल एक पराश्रयी (दूसरों पर निर्भर) लता है, जो प्रकृति का चमत्कार ही कहा जा सकता है। बिना जड़ की यह बेल जिस वृक्ष पर फैलती है, अपना आहार उससे रस चूसने वाले सूत्र के माध्यम से प्राप्त कर लेती है। अमर बेल का रंग पीला और पत्ते बहुत ही बारीक तथा नहीं के बराबर होते हैं। अमर बेल पर सर्द ऋतु में कर्णफूल की तरह गुच्छों में सफेद फूल लगते हैं। बीज राई के समान हल्के पीले रंग के होते हैं। अमर बेल बसन्त ऋतु (जनवरी-फरवरी) और ग्रीष्म ऋतु (मई-जून) में बहुत बढ़ती है और शीतकाल में सूख जाती है। जिस पेड़ का यह सहारा लेती है, उसे सुखाने में कोई कसर बाकी नहीं रखती है। रंग : अमर बेल का रंग पीला होता है। स्वाद : इसका स्वाद चरपरा और कषैला होता है। स्वभाव : अमर बेल गर्म एवं रूखी प्रकृति की है। इस लता के सभी भागों का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। मात्रा (खुराक) : अमर बेल को लभगभ 20 ग्राम की मात्रा में प्रयोग कर सकते हैं। गुण : आकाश बेल ग्राही, कड़वी, आंखों के रोगों को नाश करने वाली, आंखों की जलन को दूर करने वाली तथा पित्त कफ और आमवात को नाश करने वाली है। यह वीर्य को बढ़ाने वाली रसायन ...

नींद की कमी का दिमाग पर असर... आइए जानें।

Image
World Brain 🧠 Day 22 जुलाई 2025 पर विशेष रात की नींद हमारी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। इस दौरान दिमाग भी खुद को आराम देता है, रिपेयर करता है और दिनभर की मेमोरी को स्टोर करता है। हालांकि आजकल की लाइफस्टाइल में लोग रात को देर तक जागते हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं नींद की कमी सीधे तौर पर हमारे दिमाग को नुकसान (Sleep and Brain Health) पहुंचा सकती है? इसलिए ब्रेन हेल्थ डे (World Brain Day 2025) के मौके पर हमने डॉ. (प्रो.) कुनाल बहरानी ( क्लीनिकल डायरेक्टर- न्यूरोलॉजी, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल फरीदाबाद) से यह जाना कि जब हम पूरी नींद नही लेते तो इसका हमारे दिमाग पर क्या असर पड़ता है। आइए जानें इस बारे में। 1: याददाश्त और सीखने की क्षमता पर असर नींद के दौरान हमारा दिमाग दिनभर की एक्टिविटीज और सीखी गई चीजों को ऑर्गेनाइज करता है। डीप स्लीप और REM स्लीप साइकिल के दौरान दिमाग नई जानकारी को लंबे समय तक याद रखने के लिए स्टोर करता है। अगर नींद पूरी नहीं होती, तो यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है, जिससे याददाश्त कमजोर होने लगती है और नई चीजें सीखने में मुश्किल होती है। 2: फोकस करने और फैसले लेने की क्...

अश्वगंधा... एक चमत्कारिक औषधि

Image
अश्वगंधा एक चमत्कारिक दवा कैसे करें इसका सेवन... अश्वगंधा चूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है, जो आपकी सेहत के लिए बहुआयामी फायदों का खजाना है।  इसे सही तरीके से सेवन करने से न केवल आपका शारीरिक बल बढ़ेगा, बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त होगी। आइए विस्तार से जानें कि अश्वगंधा चूर्ण का सेवन कैसे और किन तरीकों से किया जा सकता है। 1 पानी के साथ (Water Method) कैसे करें सेवन....... 1 चम्मच (लगभग 5 ग्राम) अश्वगंधा चूर्ण लें। इसे गुनगुने पानी के साथ मिलाकर रोज़ाना सुबह और रात को सेवन करें। फायदे:........ तनाव और चिंता से राहत मिलती है। इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है। 2 दूध के साथ (Milk Method) कैसे करें सेवन? एक गिलास गर्म दूध लें। उसमें 1 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण मिलाएं। स्वाद के लिए थोड़ा सा शहद या गुड़ डाल सकते हैं। ♦️फायदे:....... यह आपकी हड्डियों को मजबूत करता है। शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। मांसपेशियों की मजबूती बढ़ती है। विशेष टिप सोने से पहले सेवन करें, इससे गहरी और शांत नींद आती है। 3 घी के साथ (Ghee Method) कैसे करें सेवन...... 1/2 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण लें।...

जानलेवा है पेट का कैंसर, इन लक्षणों को आम समझाने की गलती मत करिए...।

Image
जान ले सकता है पेट का कैंसर; लंबा जीना है, तो इन लक्षणों को आम समझने की न करें गलती  पेट के कैंसर (Stomach cancer symptoms) के कुछ सामान्य लक्षण हैं जिन्हें लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि इन लक्षणों को अनदेखा करना जानलेवा हो सकता है। इसलिए समय रहते आम लगने वाले कुछ लक्षणों की पहचान करना जरूरी है। बीते कुछ दिनों से पेट के कैंसर (Stomach cancer symptoms) के मामले दुनिया में तेजी से बढ़ने लगते हैं। खुद भारत में कई लोग इस गंभीर बीमारी से परेशान हैं। यह कैंसर (stomach cancer causes) का एक गंभीर प्रकार माना जाता है, जिसकी पहचान अक्सर देर से होती है। दरअसल, इस बीमारी के लक्षण काफी आम होते हैं, जिसे लोग पेट से जुड़ी सामान्य समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में फोर्टिस एस्कॉर्ट्स, ओखला में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी और हेपेटोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुरक्षित टी.के. से जानेंगे कुछ ऐसे ही सामान्य लक्षणों के बारे में, जिसे लोग अक्सर सामान्य समझकर इग्नोर कर देते हैं, लेकिन ये पेट के कैंसर ( stomach cancer prevention) के चेतावनी संकेत हो सकते हैं।  इन लक्षणों से...

बारिश में नहाने के फायदे और नुकसान... जानिए डॉक्टर की राय।

Image
बारिश में नहाने के फायदे और नुकसान, जानिए डॉक्टर की राय...  बारिश में नहाना कई लोगों को अच्छा लगता है. जैसे ही बूंदें गिरना शुरू होती हैं, लोग बाहर निकलकर बरसात का आनंद लेना शुरू कर देते हैं. अधिकतर लोग मानते हैं कि बारिश का पानी साफ होता है और उससे नहाने से दिक्कत नहीं है. हालांकि बारिश में नहाने के बाद कई लोगों की तबीयत बिगड़ जाती है. ऐसे में सवाल उठता है कि लोगों को बारिश में नहाना चाहिए या नहीं? अगर कोई बारिश में नहाता है, तो उससे सेहत को क्या नुकसान हो सकता है? अगर आपके मन में भी ये सवाल आ रहे हैं, तो इन सभी के जवाब डॉक्टर से जानने की कोशिश करते हैं. नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिव हेल्थ एंड वेलनेस डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत ने बताया कि बारिश में नहा सकते हैं,बारिश में कभी-कभार नहाने से कोई नुकसान नहीं है. लेकिन उसके बाद घर पर साफ पानी से नहाना बेहद जरूरी होता है. दरअसल बारिश के पानी में कई बार प्रदूषण और बैक्टीरिया हो सकते हैं, जिससे नहाने पर कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. बारिश में नहाते वक्त धूल, मिट्टी और गंदगी की चपेट में आ गए, तो स्किन पर...

नींबू की चाय के फायदे

Image
नींबू की चाय कई बीमारियों को दूर रखती है, नियमित सेवन से होते हैं जबरदस्त फायदे...। नींबू-चाय दूध वाली चाय पीना सेहत के लिए हानिकारक है साथ ही विशेषज्ञों का कहना है कि आपको दिन में दो कप से ज़्यादा इस चाय का सेवन नहीं करना चाहिए...। लेकिन,नींबू की चाय पीने से आपको कोई परेशानी नहीं है क्योंकि नियमित रूप से नींबू की चाय पीने से आपकी सेहत अच्छी रहती है. आइए जानें नींबू की चाय पीने के क्या-क्या फायदे हैं....। स्वास्थ्य संबंधी कई शिकायतों के लिए उपयोगी! हाल ही में, कई लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए हैं. इसलिए, व्यायाम और आहार ने स्वास्थ्य में अत्यधिक महत्व प्राप्त कर लिया है. यह कहना गलत नहीं होगा कि चाय भारतीयों की कमज़ोरी है हालाँकि पिछले कुछ समय से इस बात को लेकर काफ़ी चर्चा हो रही है कि चाय और कॉफ़ी सेहत के लिए अच्छी नहीं हैं. फिर कई लोगों ने नियमित चाय पीना बंद कर दिया. हालाँकि इससे ब्लैक टी, लेमन टी/लाइम टी जैसी चीज़ों की माँग बढ़ गई.  नींबू की चाय बनाना आसान है और यह शरीर को साफ करने के काम आती है। अब इसमें कौन से तत्व हैं जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं? इस बारे में बहु...

पांच प्राण एवं उप प्राण व्याख्या

Image
पाँच प्राण एवं उप प्राण व्याख्या 〰️〰️🔸〰️🔸〰️🔸 प्राणतत्व एक है, पर प्राणी के शरीर में उसकी क्रियाशीलता के आधार पर कई भागों में विभक्त किया गया है। शरीर के प्रमुख अवयव मांस-पेशियों से बने हैं, पर संगठन की भिन्नता के कारण उनके आकार-प्रकार में भिन्नता पाई जाती है। इसी आधार पर उनका नामकरण एवं विवेचन भी पृथक्-पृथक् होता है। मानवी-काया में प्राण-शक्ति को भी विभिन्न उत्तरदायित्व निबाहने पड़ती हैं उन्हीं आधार पर उनके नामकरण भी अलग हैं और गुण धर्म की भिन्नता भी बताई जाती है। इस पृथकता के मूल में एकता विद्यमान है। प्राण अनेक नहीं हैं। उसके विभिन्न प्रयोजनों में व्यवहार पद्धति पृथक है। बिजली एक है, पर उनके व्यवहार विभिन्न यन्त्रों में भिन्न प्रकार के होते हैं। हीटर, कूलर, पंखा, प्रकाश, पिसाई आदि करते समय उसकी शक्ति एवं प्रकृति भिन्न लगती है। उपयोग आदि प्रयोजन को देखते हुए भिन्नता अनुभव की जा सकती है तो भी जानने वाले जानते हैं कि यह सब एक ही विद्युत शक्ति के बहुमुखी क्रिया-कलाप हैं। प्राण-शक्ति के सम्बन्ध में भी यही बात कही जा सकती है। शास्त्रकारों ने उसे कई भागों में विभाजित किया है, कई नाम दिये...