Monday 24 October 2016

हवाओं की खुशबू में है

जिसे खोजती रहीं निगाहें वो मेरे पहलू में है
आईना वही तो दिल का जो मेरी आरजू में है
मुस्कराने लगी ये कायनात देख अदायें उसकी
वो तो गुलशन की झूमती हवाओं की खुशबू में है
------ नीरु

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