Saturday 27 August 2016

अभी राज़ अपना बताया नही है

अभी प्यार हमने जताया नही है
अभी हाल दिल का बताया नही है

बहुत ख्वाब देखा निगाहों से ओझल
अभी आँख में सब सजाया नही है

रुके जो नही है हमारी निशानी
अभी चाल अपनी दिखाया नही है

कई कर्ज़ बाकी अभी जिंदगी पर
सभी फर्ज़ हमने निभाया नही है

सुनों दिल कहीं कह गया क्या किसी से
अभी गीत हमने सुनाया नही है 

ज़रा थाम लूं मैं बहक ही न जाओ
अभी ज़ाम हमने पिलाया नही है

तराने बहुत दिल सुनाता कहानी
अभी राज़ अपना बताया नही है
------ नीरु ' निरुपमा मिश्रा त्रिवेदी '

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