Monday 22 June 2015

थाह

कौन है अपना कौन पराया थाह मिलेगी कहाँ
जो सरल है उसे सहजता से राह मिलेगी कहाँ
जब तक न पहचानेंगे नयन रंग इस संसार के
सपन को साकार करने की सलाह मिलेगी कहाँ
----- निरुपमा मिश्रा " नीरू "

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